नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय शेयर बाजार में होली से एक दिन पहले जैसे भूचाल सा आ गया है। खबर लिखे जाते समय BSE का Sensex 2150.14 अंक यानी 5.72% की गिरावट के साथ 35,426.48 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, NSE का निफ्टी भी 616.25 अंक यानी -5.61% टूटकर 10,373.20 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
खबर लिखे जाते समय Sensex में शामिल शेयरों में सबसे अधिक गिरावट ONGC (14.08 फीसद), रिलायंस इंडस्ट्रीज (10.71 फीसद), इंडसइंड बैंक (8.78 फीसद), टाटा स्टील (8.03 फीसद), आईसीआईसीआई बैंक (7.60 फीसद) और टीसीएस 6.67 फीसद की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।
सभी Sectoral Index लाल निशान में, मेटल में जबरदस्त गिरावट
सेक्टोरल सूचकांकों की बात करें तो निफ्टी मेटल में सबसे अधिक 7.28 फीसद की गिरावट देखी गई। वहीं निफ्टी मीडिया में 7.12 फीसद, निफ्टी प्रइवेट बैंक में 6.21 फीसद, निफ्टी बैंक में 6.09 फीसद, निफ्टी पीएसयू बैंक में 5.49 फीसद और निफ्टी रियल्टी में 4.52 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार करते नजर आए।
Yes Bank के शेयरों में दिखी तेजी
शेयर बाजार में आए भूचाल के बावजूद Yes Bank के शेयर जबरदस्त उछाल के साथ कारोबार करते नजर आए। खबर लिखे जाते समय यस बैंक के शेयर 29.10 फीसद की तेजी के साथ 20.85 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा हिस्सेदारी खरीदे जाने और RBI द्वारा बैंक के ग्राहकों को दिए आश्वासन का प्रभाव इस संकटग्रस्त बैंक के शेयरों पर देखा गया। RBI ने ट्वीट कर सभी बैंकों के ग्राहकों को आश्वस्त किया था कि बैंकों में उनके पैसे सुरक्षित हैं।
क्यों टूटे बाजार?
दुनिया भर के शेयर बाजारों में आज गिरावट देखने को मिल रही है। एशियाई शेयर बाजार भी इससे अछूते नहीं हैं। सोमवार सुबह आर्थिक आंकड़े जारी होने के बाद जापान का Nikkei 225 में 5.5 फीसद की गिरावट देखी गई थी। हांगकांग का हेंगसेंग (Hang Seng) 3.5 फीसद की गिरावट के साथ कारोबार करता दिखाई दिया। साउथ कोरिया के कोस्पी (Kospi) में भी 3.9 फीसद की गिरावट देखी गई। आइए, जानते हैं कि आखिर भारतीय शेयर बाजार में आई इस जबरदस्त गिरावट की क्या वजहें हैं।
सऊदी अरब ने Crude Oil की कीमतों में की भारी कटौती
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को क्रूड ऑयल की कीमतों में 1991 के बाद से सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। कोरोना वायरस की वजह से घटती मांग को देखते हुए सऊदी अरब ने क्रूड ऑयल की कीमतों में कटौती की। इस कारण सोमवार को एशिया में ट्रेडिंग के लिए खुलने के कुछ देर बाद ही ब्रेंट ऑयल का फ्यूचर भाव करीब 30 फीसद गिर गया। आम तौर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि हम अपनी जरूरतों का 80 फीसद से ज्यादा क्रूड ऑयल का आयात करते हैं। लेकिन, बाजारों के लिए यह खबर अच्छी नहीं है। आम तौर पर शेयर बाजार इसे सकारात्मक संकेत के तौर पर नहीं लेते और वे मानते हैं कि इससे वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आएगी।
कोरोना वायरस का कहर
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस यानी COVID-19 से दुनिया भर में 1,07,000 लोग पीडि़त हैं। महामारी का रूप ले चुके इस वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है। रेटिंग एजेंसी Moody’s Investors Service ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि 2020 में कोरोना वायरस की वजह से G-20 देशों की ग्रोथ 0.3 फीसद घटकर 2.1 फीसद रहेगी। G-20 देशों में अमेरिका, यूरो जोन, जापान, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम के साथ ही उभरती अर्थव्यवस्थाएं जैसे चीन, भारत, ब्राजील, रूस और मेक्सिको शामिल हैं। मूडीज ने भारतीय अर्थव्यस्था पर कोरोना वायरस के संभावित प्रभाव को देखते हुए 2020 का ग्रोथ अनुमान को घटाकर 5.3 फीसद कर दिया है। 17 फवरवरी को इसने 2020 का ग्रोथ अनुमान 6.6 फीसद से घटाकर 5.4 फीसद कर दिया था।
Yes Bank का संकट
SBI द्वारा Yes Bank को उबारने की खबर से इसके शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली। हालांकि, पिछले सप्ताह RBI द्वारा यस बैंक पर मोरैटोरियम लगाए जाने के बाद इसके मार्केट कैप भारी गिरावट आई जिस कारण शेयरधारकों के 5,000 करोड़ रुपये से अधिक स्वाहा हो गए थे। RBI ने भी बैंकों के ग्राहकों को आश्वासन दिया है कि किसी भी बैंक में जमा उनके पैसे सुरक्षित हैं। हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यस बैंक का संकट शेयर बाजार पर भारी पड़ेगा।
विदेशी निवेशकों ने की बिकवाली
पीटीआइ की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च के शुरुआती कारोबारी सत्र में FPI ने भारतीय पूंजी बाजार से शुद्ध 13,157 करोड़ रुपये की निकासी की। कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने की वजह से निवेशकों की धारणाएं प्रभावित हुईं।
source: Jagran.com