एनआईए को पता चला कि लॉरेंस सलाखों के पीछे से जबरन वसूली का रैकेट चला रहा है। भरतपुर और फरीदकोट की जेलों में बंद रहने के दौरान वह राजस्थान, चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली के कारोबारियों से रंगदारी वसूलता था। उसके निशाने पर शराब कारोबारी, मॉल मालिक और जुआरी थे।
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की पूछताछ में अपने शीर्ष 10 लक्ष्यों के बारे में बताया है। सूत्रों ने सोमवार को बताया कि बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान बिश्नोई के टॉप 10 टारगेट में शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि उसके खुलासे से एनआईए कई हत्याओं, डकैतियों और जबरन वसूली के मामलों को नाकाम करने में सफल रही है।
बिश्नोई ने एनआईए को कॉलेज की राजनीति से अपराध की दुनिया में प्रवेश करने और पिछले 10-15 वर्षों में मारे गए लोगों के बारे में भी बताया। एनआईए के दस्तावेजों के अनुसार, गैंगस्टर के शीर्ष 10 लक्ष्य इस प्रकार हैं।
टारगेट 1: सलमान खान
बिश्नोई ने एनआईए को बताया कि 1998 में बॉलीवुड सुपरस्टार अपनी एक फिल्म की शूटिंग के लिए जोधपुर आया था। शूटिंग के दौरान खान पर एक काले हिरण को मारने का आरोप लगा था, जो बिश्नोई समुदाय में एक पूजनीय जानवर माना जाता है। इसके चलते गैंगस्टर सलमान खान को मारना चाहता है। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए उसने अपने सहयोगी संपत नेहरा को मुंबई भेजा था। नेहरा ने अभिनेता पर निगरानी रखी, लेकिन योजना को अंजाम नहीं दे सका। नेहरा को बाद में हरियाणा पुलिस एसटीएफ ने पकड़ लिया था।
टारगेट 2: सिद्धू मूसेवाला की मैनेजर शगुनप्रीत
शगुनप्रीत मारे गए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की प्रबंधक है और उनके खातों को संभालती है। लॉरेंस ने जांचकर्ताओं को बताया कि शगुन ने गैंगस्टर के करीबी सहयोगी विक्की मुद्दुखेरा के हत्यारे को खरड़ में छुपाने में मदद की थी। इसी के चलते वह शगुनप्रीत को मारना चाहता है।
टारगेट 3: गैंगस्टर लकी पटियाल का सहयोगी मनदीप धालीवाल
लॉरेंस बिश्नोई ने एनआईए को बताया कि मनदीप ने मारे गए गैंगस्टर मुद्दुखेरा के हत्यारे की मदद की थी। मनदीप ‘ठग्स लाइफ’ के नाम से अपना गिरोह चलाता है।
टारगेट 4: गैंगस्टर कौशल चौधरी
लॉरेंस के बयान के मुताबिक मुद्दूखेरा की हत्या में शामिल भोलू शूटर अनिल लठ और सन्नी लेफ्टी को कौशल चौधरी ने हथियारों की आपूर्ति की थी। जब लॉरेंस को यह पता चला तो उसने चौधरी को मारने का फैसला किया।
टारगेट 5: गैंगस्टर अमित डागर
लॉरेंस ने जांचकर्ताओं को बताया कि अमित डागर और कौशल चौधरी ने मुद्दुखेरा को मारने की साजिश रची थी। इसलिए डागर भी उसके रडार पर है।
लक्ष्य 6: सुखप्रीत सिंह बुद्धा
सुखप्रीत सिंह बुद्धा बंबीहा गिरोह का प्रमुख है, जो लॉरेंस का कट्टर प्रतिद्वंद्वी है। देवेंद्र बंबीहा की मौत के बाद सुखप्रीत गिरोह का सरगना बन गया। लॉरेंस ने खुलासा किया कि उसके सहयोगी अमित शरण को सुखप्रीत ने मार डाला, इससे उसकी हत्या करने की योजना बनी।
टारगेट 7: गैंगस्टर लकी पटियाल
लॉरेंस ने जांचकर्ताओं को बताया कि लकी पटियाल ने अपने गिरोह के सदस्य गुरलाल बराड़ को मार डाला था। पटियाल ने कथित तौर पर मुद्दुखेरा के हत्यारे की भी मदद की थी। पटियाल ने मुद्दूखेड़ा के हत्यारे को भी पनाह दी थी। इसलिए वह भी निशाने पर है।
टारगेट 8: गोंदर गैंग का सदस्य रम्मी मसाना
लॉरेंस ने कथित तौर पर अपने चचेरे भाई अमनदीप की हत्या के लिए मसाना से बदला लेने की इच्छा व्यक्त की। मसाना गोंदर गैंग से जुड़ा शॉर्पशूटर है।
टारगेट 9: गोंदर गैंग का गुरप्रीत शेखो
गोंदर गैंग का मुखिया गुरप्रीत शेखो भी लॉरेंस के राडार पर है। गुरप्रीत ने कथित तौर पर अमनदीप की हत्या के लिए मसाना को हथियार मुहैया कराए थे।
टारगेट 10: भोलू शूटर, सन्नी लेफ्टी, अनिल लाठ
ये सभी मुद्दुखेरा के कथित हत्यारे हैं। लॉरेंस उन्हें मारना चाहता है, क्योंकि उन्होंने हत्या को अंजाम दिया था। ये सभी कौशल चौधरी की गैंग के लिए काम करते हैं।
लॉरेंस की और भयावह साजिशें:
2021 में गैंगस्टर ने अपने शॉर्प शूटर शाहरुख, डेनी और अमन को मूसेवाला के गांव में रहने के लिए भेज दिया। वहां, जग्गू बागवानपुरिया और सरपंच मोना ने उनके ठहरने में उनके शूटरों की सहायता की। बाद में तीनों शूटरों ने लॉरेंस को सूचित किया कि मूसेवाला की हत्या को अंजाम देने के लिए उन्हें और मदद की जरूरत है। इसी बीच लॉरेंस ने कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से संपर्क स्थापित कर लिया था। लॉरेंस ने हवाला के माध्यम से गोल्डी बराड़ को मूसेवाला की हत्या को अंजाम देने में सहायता करने के इरादे से 50 लाख रुपये भेजे।
2018 और 2022 के बीच, लॉरेंस ने उत्तर प्रदेश के खुर्जा में स्थित अपने सहयोगी रोहित चौधरी से मदद मांगी। उसने कुर्बान चौधरी उर्फ शहजाद नाम के हथियार सप्लायर से 2 करोड़ रुपये में एके-47 राइफल और 9 एमएम पिस्टल समेत 25 अत्याधुनिक हथियार खरीदे थे। एक अन्य गैंगस्टर रोहित ने इन हथियारों को शहजाद से हासिल करने में लॉरेंस की मदद की थी। खरीदे गए हथियारों का इस्तेमाल मूसेवाला की हत्या में किया गया था।
एनआईए को पता चला कि लॉरेंस सलाखों के पीछे से जबरन वसूली का रैकेट चला रहा है। भरतपुर और फरीदकोट की जेलों में बंद रहने के दौरान वह राजस्थान, चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली के कारोबारियों से रंगदारी वसूलता था। उसके निशाने पर शराब कारोबारी, मॉल मालिक और जुआरी थे। काला जठेड़ी, काला राणा और गोल्डी बराड़ ने उसे कारोबारियों और जुआरियों के फोन नंबर मुहैया कराए। एनआईए के एक सूत्र ने कहा, गैंगस्टर आनंदपाल के भाइयों, विक्की सिंह और मनजीत सिंह ने भी लॉरेंस के निर्देश पर राजस्थान में पत्थर और क्रशर व्यवसायियों से पैसा एकत्र किया।
Source: Navjivan