विदेश सेवा से सेवानिवृत्त हुए राजदूत छात्रों को भारतीय विदेश नीति का पाठ पढ़ाएंगे। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे नवीनतम कार्यक्रमों में से एक ‘विदेश नीति विशिष्ट व्याख्यान श्रृंखला में ये राजदूत व्यख्यान देंगे। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के रूप में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम को लेकर मंत्रालय ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय आयोजित कर रहा है विदेश नीति विशिष्ट व्याख्यान श्रृंखला।
भारतीय विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने इस पहल के तहत 75 विश्वविद्यालयों और संस्थानों में व्याख्यान श्रृंखला आयोजित करने की योजना बनाई है जिसमें सेवानिवृत्त भारतीय राजदूत व्यख्यान देंगे।
इस व्याख्यान श्रृंखला का बड़ा लक्ष्य भारतीय युवाओं के साथ जुड़ना है। साथ ही उन्हें भारत की विदेश नीति के बारे में और अधिक जागरूक बनाना है कि कैसे विदेशी मामले भारत के विकास में योगदान करते हैं। यह व्याख्यान श्रृंखला युवाओं के बीच विदेश नीति के मामलों पर अधिक से अधिक सार्वजनिक बहस विकसित करने में भी मदद करेगी।
ये व्याख्यान श्रृंखला भारतीय विदेश नीति के विभिन्न विषयों को कवर करेगी। इसमें न केवल भारतीय विदेश नीति और इसकी वर्तमान प्राथमिकताओं की मूल बातें शामिल रहेंगी, बल्कि राष्ट्रीय विकास, विदेश मंत्रालय और उसके दूतावासों की भूमिका एवं कार्य, विदेश मंत्रालय की सार्वजनिक कूटनीति और आउटरीच गतिविधियों के साथ ही विदेश में युवाओं की भागीदारी में विदेश नीति के योगदान के बारे में बातचीत सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
आईआईटी कानपुर में होगा पहला व्याख्यान:
पहला व्याख्यान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर में 6 फरवरी को होगा। व्याख्यान का शीर्षक “कोविड के बाद के युग में भारतीय विदेश नीति की रूपरेखा” है। इस विषय पर विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के निदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता व्यख्यान देंगे। डॉ०अरविंद, रूस, अफगानिस्तान और मध्य एशिया में काम करने के बाद भारत की विदेश सेवा से सेवानिवृत्त हुए हैं।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)