किसी मन्दिर में कहा बसते हैं राम
शबरी के बेरो में बसते हैं राम
अपने वचन के लिए जो प्राण दे दे
ऐसे संस्कार में बसते हैं राम
लायके हम्द ब किरदार है राम
मेरे लिए नबीऊल हिंद है राम
मैं हनुमान तो नहीं फिर भी अदब
मेरे भी सीने में बसते हैं राम
सैय्यद मोहम्मद तक़ी आजाद पद्धति के शायर , शुजाऊदौला के परिवार से सीधे ताल्लुक रखते हैं मां की तरफ से और वालिद की तरफ से क़ाज़ी सुल्तानपुर के मशहूर और मारूफ घराने से है ।
पांचों पीरन सुल्तानपुर में आप के परिवार से हैं ।
सैय्यद मोहम्मद तक़ी सभी मजहबों का सम्मान करते हैं , अमर नाथ यात्रा कर चुके हैं सभी बड़े मन्दिरों , गुरूद्वारों , मजारों पर लगातार जाते रहते हैं । सब जगह से सबका आशिर्वाद ले चुके हैं । भविष्य में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं पर भूतकाल का भी सम्मान रखते हुए वर्तमान में ही रहना चाहते हैं ।