मणिपुर घटना को लेकर जयराम रमेश ने कहा कि अब केवल शब्दों से काम नहीं चलेगा। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जवाबदेही से बच नहीं सकते। मणिपुर के मुख्यमंत्री को तुरंत पद छोड़ देना चाहिए।
हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर को लेकर आखिरकार पीएम मोदी ने चुप्पी तोड़ दी है। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक घटना है। इस बीच कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा है।
कांग्रेस नेता जयरमाम रमेश ने ट्वीट करके कहा कि 1800 घंटे से अधिक की समझ से परे और अक्षम्य चुप्पी के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर कुल 30 सेकंड तक बात की। इसके बाद पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश, यूपी और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं पर अत्याचारों को नजरअंदाज करते हुए अन्य राज्यों को खासकर विपक्ष द्वारा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को एक समान करके मणिपुर में भारी शासन विफलताओं और मानवीय त्रासदी से ध्यान हटाने की कोशिश की।
After more than 1800 hours of an incomprehensible and unforgivable silence, the Prime Minister finally spoke on Manipur for a sum total of 30 seconds. After which, the PM tried to divert attention from the colossal governance failures and the humanitarian tragedy in Manipur by…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 20, 2023
सबसे पहले उन्होंने मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष के मुद्दे को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया। उन्होंने शांति की कोई अपील नहीं की है, न ही मणिपुर के सीएम से पद छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने सिर्फ मणिपुर से सामने आए एक वीडियो पर टिप्पणी की है।
पीएम मोदी ने मणिपुर में चल रही हिंसा को अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों के साथ जोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस शासित राज्यों में इन अपराधों को अंजाम देने वालों को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया गया, लेकन मणिपुर में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में 15 दिन लग गए। आज, 64 दिन बाद मणिपुर के सीएम ने दावा किया कि गिरफ्तारियां की गई हैं। मणिपुर में कानून-व्यवस्था और प्रशासन पूरी तरह चरमरा हुआ है।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि बहुत देर हो चुकी है। अब केवल शब्दों से काम नहीं चलेगा। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जवाबदेही से बच नहीं सकते। मणिपुर के मुख्यमंत्री को तुरंत पद छोड़ देना चाहिए।
इससे पहले उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा को भड़के 78 दिन हो गए हैं। दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर के घुमाने और कथित तौर पर उनके साथ बलात्कार की भयावह घटना के 77 दिन हो गए हैं। अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज़ किए जाने के 63 दिन बाद भी अपराधी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। राज्य में इंटरनेट बंद होने के कारण देश के बाकी राज्यों के लोगों का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि मणिपुर में इतनी भयानक घटना घटी है। लेकिन यह बिल्कुल क्षमा किए जाने योग्य नहीं है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मणिपुर के CM से बात करने या मामले पर बयान देने के लिए 76 दिनों तक इंतज़ार किया। क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी नहीं थी? मोदी सरकार ALL IS WELL का दिखावा कब बंद करेगी? मणिपुर के मुख्यमंत्री को कब हटाया जाएगा? ऐसी और कितनी घटनाओं को दबाया गया है? आज से मानसून सत्र शुरू होगा, INDIA जवाब मांगेगा। चुप्पी तोडिए प्रधानमंत्री जी।
Source: Navjivan