जयपुर, 23 जून । केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा राजस्थान फोन टैपिंग मामले में दर्ज प्राथमिकी की जांच तेज करते हुए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) महेश जोशी को नोटिस जारी कर 24 जून को प्रशांत विहार कार्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया है।
क्राइम ब्रांच का कदम सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तेज हुई तकरार के बाद सामने आया है।
यह नोटिस दिल्ली क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सतीश मलिक ने जारी किया है। हालांकि, जोशी ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने अभी तक नोटिस नहीं पढ़ा है और वे इसे पढ़कर ही कोई जवाब दे पाएंगे।
सचिन पायलट ने पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत की थी और उनका समर्थन करने वाले विधायकों के साथ हरियाणा के एक होटल में डेरा डाला था। इस दौरान राजस्थान सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगा था।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत के बाद 25 मार्च को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में शेखावत ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार अवैध रूप से जनप्रतिनिधियों के फोन टैप कर रही है।
शेखावत ने प्राथमिकी में अज्ञात पुलिस अधिकारियों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर आरोप लगाया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अपना दायरा बढ़ाते हुए अब अपनी जांच में महेश जोशी का नाम शामिल किया है।
महेश जोशी ने राजनीतिक संकट बढ़ने के बाद लीक हुए फोन कॉल के आधार पर एसओजी और एसीबी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। महेश जोशी ने इस मामले को लेकर एसीबी और एसओजी में भी अपना बयान दर्ज कराया था।
लोकेश शर्मा ने हाल ही में अपराध शाखा में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 6 अगस्त निर्धारित की है और क्राइम ब्रांच को तब तक कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा गया है।
साथ ही दिल्ली और राजस्थान पुलिस से मामले की स्थिति रिपोर्ट मांगी गई है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच अब कुछ कांग्रेसी नेताओं और अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।
हाल ही में पायलट के समर्थक विधायक वेद सोलंकी ने भी बयान दिया था कि सरकार विधायकों के फोन टैप करवा रही है। उन्होंने कहा कि इन विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत को अवैध टैपिंग की जानकारी भी दी है।