लखनऊ: अपनी सेहत के लिए हमेशा जागरूक रहने वाले अवधवासियों के लिए खुशखबरी है कि पौष्टिक गुणों से भरपूर कला गेंहू और उसके उत्पाद यहीं उपलब्ध होंगे। शुभमंगलम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने लखनऊ आफिस का शुभारंभ किया। लखनऊ आफिस की शुरुआत सनातन और इस्लामिक परम्पराओं का पालन करते हुए प्रार्थना और इबादत के साथ हुई।
इस मौके पर बोलते हुए शुभमंगलम फूड्स के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री माणिक्या द्विवेदी ने बताया, “काला गेंहू और उसके प्रोडक्ट्स को हम खानपान के शौकीन शहर लखनऊ के बाजार में उतार कर गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। काले गेंहू के आटे से बनने वाली रोटियां व अन्य व्यंजन आम गेंहू के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक और इम्युनिटी बढाने वाले है।”
शुभमंगलम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के CMO & CFO श्री हरिकृष्ण द्विवेदी ने बताया, “इसका नियमित सेवन इंसानों को लाइफस्टाइल डिसऑर्डर के कारण होने वाली बीमारियों खास करके डायबिटीज, मोटापे और हृदय रोगों से छुटकारा दिलाने में सहायक हो सकता है। इसमें पाए जाने वाले तत्व में एंटी एजिंग गुण पाए जाते हैं। काले गेंहू में मौजूद पौष्टिकता की बात की जाए तो कैलोरी 373, प्रोटीन 11.86 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 74.78 ग्राम, शर्करा 3.46 ग्राम और वसा 2.88 ग्राम होती है, जो सामान्य गेंहू से कई मामलों में बेहतर और स्वास्थ्यवर्द्धक है।”
कार्यक्रम में उपस्थित शुभमंगलम फूड्स प्रा. लि. की डायरेक्टर श्रीमती साधना द्विवेदी ने बताया, “काले गेहूँ में एंथोसाएनिन नाम का पिगमेंट होता है, जो इसका प्रकृतिक रंग प्रदान करता है। यह नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट है। इसी वजह से काला गेंहू सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। जहाँ आम गेंहू में एंथोसाएनिन महज 5 पीपीएम होता है, वहीं काले गेहूँ में यह 100 से 200 पीपीएम के आसपास होता है। एंथोसाएनिन के अलावा काले गेहूँ में जिंक और आयरन की मात्रा में भी अंतर होता है। काले गेहूँ में आम गेहूँ की तुलना में 60 फीसदी आयरन ज्यादा होता है। हालाँकि प्रोटीन, स्टार्च और दूसरे पोषक तत्व समान मात्रा में होते हैं।”
शुभमंगलम फूड्स प्रा. लि. के वाइस प्रेसिडेन्ट मार्केटिंग श्री रिज़वान रज़ा ने काले गेंहू के इतिहास के बारे में बताया, “पंजाब की नेशनल एग्री फूड बायो टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट ने इसे 2017-2018 में विकसित किया था। इस रिसर्च को लीड करने वाली डॉ. मोनिका गर्ग थीं, जो काले गेहूँ को जापान से भारत लाईं थीं। जापान में लोग बड़े चाव से काले गेंहू का दलिया और नूडल्स खाते रहे हैं। वैज्ञानिकों ने भारतीय गेंहू और जापानी काले गेंहू की क्रॉसब्रीड तैयार की जो कि भारतीय उप महाद्वीप के अनुकूल है।” इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत धार्मिक अनुष्ठान के साथ हुई जिसमें सनातन और इस्लामिक परम्परा के हिसाब से पूजा और इबादत की गई। इसको पंडित श्री शास्वत तिवारी और मौलाना जनाब अब्दुल हमीद अंसारी साहब ने संपन्न कराया।