लॉकडाउन के चौथे चरण में किन गतिविधियों को छूट मिले और किन्हें बंद रखा जाए, इस बारे में राज्यों ने अपने सुझाव केंद्र को भेज दिए हैं। जिसके बाद केंद्र सरकार ने सोमवार से लॉकडाउन 4.0 की तैयारी शुरु कर दी है। आइए जानते हैं कि किस राज्य ने क्या सुझाव दिए हैं।
कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले और लोग इस जानलेवा वायरस से सुरक्षित रहें, इसके लिए सोमवार से लॉकडाउन का चौथा दौर शुरु होने वाला है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी पिछली बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बारे में राज्यों से 15 मई तक सुझाव मांगे थे, जिसके बाद सरकार ने लॉकडाउन के अगले चरण की तैयारियां शुरु कर दी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार यानी 18 मई से शुरू होने जा रहे चौथे चरण के लॉकडाउन में ग्रीन जोन को पूरी तरह खोलने का फैसला लिया जा सकता है। इस चरण में हॉटस्पॉट तय करने का अधिकार राज्यों को मिलने की उम्मीद है। लेकिन शारीरिक दूरी का पालन करना और मास्क लगाने जैसे प्रावधान सभी के लिए अनिवार्य रहेंगे।
सूत्रों ने बताया कि अगले चरण में ऑरेंज जोन में भी बहुत कम पाबंदियां रहेंगी। रेड जोन में भी कंटेनमेंट एरिया में ही सख्ती रखी जाएगी। यहां तक कि रेड जोन में सैलून, नाई की दुकान और चश्मे की दुकानों को भी खोलने की अनुमति मिल सकती है। हालांकि इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस राज्य सरकारों के सुझावों के आधार पर गृह मंत्रालय जारी करेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, पंजाब, बंगाल, महाराष्ट्र, असम और तेलंगाना लॉकडाउन को जारी रखना चाहते हैं। साथ ही कुछ राज्य जोन तय करने का अधिकार अपने हाथ में चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि राज्यों का यह अनुरोध माना जा सकता है, क्योंकि राज्य जमीनी हालात के आधार पर किसी क्षेत्र में लोगों की आवाजाही या आर्थिक गतिविधियों को लेकर फैसला कर सकें। अभी कोई भी राज्य लॉकडाउन को पूरी तरह से हटाने के पक्ष में नहीं दिखता है, लेकिन सभीराज्य आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू करना चाहते हैं।
सार्वजनिक परिवहन और यातायात के साधनों को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, और रेलवे और घरेलू उड़ानों के मामले में भी अगले हफ्ते से कुछ अतिरिक्त अनुमति मिलने की उम्मीद है। लेकिन इन सेवाओं को शुरु होने में अभी वक्त लग सकता है। बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत कई राज्य कम से कम मई अंत तक इन सेवाओं को पूरी तरह खोलने के पक्ष में नहीं हैं।
सूत्रों का अनुमान है कि लॉकडाउन के अगले चरण में कंटेनमेंट एरिया के अलावा सभी जगहों पर लोकल ट्रेन, बस और मेट्रो सेवाएं भी सीमित क्षमता के साथ शुरू की जा सकती हैं। वहीं सीमित सवारियों के साथ ऑटो और टैक्सी चलाने की भी अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इन पर अंतिम फैसला राज्यों का रहेगा।
ऑरेंज और रेड जोन में बाजारों को खोलने का फैसला भी राज्य सरकारें लेंगी। राज्य सरकारें गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानों को खोलने के लिए ऑड-इवन फॉर्मूला अपना सकती हैं, जैसा कि दिल्ली सरकार ने अपने सुझावों में कहा है। कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर रेड जोन में भी ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी वस्तुओं की डिलीवरी की इजाजत दी जा सकती है।
किस राज्य की क्या है राय?
सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों वाला महाराष्ट्र मुंबई, इसके उपनगरीय इलाकों और पुणे में सख्त लॉकडाउन चाहता है। राज्य सरकार एक जिले से दूसरे जिले और दूसरे राज्य के लिए किसी भी तरह के परिवहन की अनुमति नहीं देना चाहती। लेकिन दूसरा सबसे ज्यादा मरीजों वाला गुजरात बड़े शहरी केंद्रों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहता है। दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल की सरकारें भी आर्थिक गतिविधियां कुछ शर्तों के साथ शुरू करना चाहती हैं। केरल सरकार रेस्त्रां और होटल भी खोलना चाहता है। वहीं प्रवासी मजदूरों के आने के बाद मामलों में बढ़ोतरी का सामना कर रहे बिहार, झारखंड, ओडिशा जैसे राज्य लोगों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध के साथ लॉकडाउन जारी रखना चाहते हैं।