इसी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष ने गुरुवार को एक कविता के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोदी जी, बाते मत बनाइए, भ्रष्टाचार की जांच करवाइए, जेपीसी जांच बिठाइए! खड़गे ने ट्वीट कर लिखा, “देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, सत्ता पक्ष ने संसद को ठप्प कर, की “लोकतंत्र” की हत्या! “परम मित्र” को बचाने की क़वायद में रौंदे सारे संसदीय रिवाज़, षड्यंत्र रच, डिसक्वालिफाई कर दबा दी विपक्ष की आवाज़! मोदी जी, बाते मत बनाइए, भ्रष्टाचार की जांच करवाइए, जेपीसी जांच बिठाइए!”
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतंत्र की केवल बात करते हुए उसके अनुरुप काम नहीं कर 50 लाख करोड़ का बजट बिना चर्चा के केवल 12 मिनट में पास कर दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की अन्युक्त प्रेसवार्ता में कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र के बारे में बहुत कुछ बोलती है लेकिन वह जो कहती है उसके तहत चलती नहीं हैं। सरकार ने इस बजट को चर्चा में नहीं लाने का पूरा प्रयास किया।
50 लाख करोड़ का बजट केवल 12 मिनट में पास किया गया। वे हमेशा कहते रहे कि विपक्ष को दिलचस्पी नहीं है लेकिन विघ्न तो सरकार की तरफ से हुआ है। उन्होंने कहा, जब भी हम नोटिस देते थे और उस पर चर्चा की मांग करते थे तब वे हमें बोलने नहीं देते थे। ऐसा पहली बार हुआ है, मैंने 52 सालों में ऐसा कभी नहीं देखा। यहां 2 साल से मैं देख रहा हूं कि खुद सत्तारूढ़ पार्टी के लोग सदन की कार्यवाही में विघ्न डालते हैं।
खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी ने सदन में जो मांग की उस मुद्दे को भटकाने का प्रयास किया गया। किन-किन देशों के प्रधानमंत्रियों और उद्योगपतियों से वे (अडानी) मिले? इस पर चर्चा होनी चाहिए। हम 18-19 पार्टियां एक होकर अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रहे हैं। इसमें उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला था। उनके पास बहुमत है तो ज्यादा लोग आपके रहेंगे। इसके बावजूद वे (बीजेपी) जेपीसी से क्यों डर रहे हैं?
उन्होंने रेलवे और पीएम मोदी पर चुटकी लेते हुए कहा, पुरानी ट्रेनों में नया इंजन लगाने और फिर उसे हरी झंडी दिखाने के अलावा कोई काम नहीं किया। हमने एक साथ 27 ट्रेन चलाई थी फिर भी हरी झंडी दिखाने नहीं गए। एक रेल छूटने के लिए आपके हरी झंडी दिखाने और लंबा भाषण। ट्रेन चलाने के लिए आपको (पीएम मोदी) क्या जरूरत है, इसके लिए आपके पास स्थानीय सांसद हैं। क्या पटरी भी आपने बिछाई।
गौरतलब है कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले और राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्षी दलों ने गुरुवार को संसद भवन से विजय चौक तक तिरंगा मार्च निकाला और इसके बाद दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक संयुक्त प्रेस वार्ता का आयोजन किया।