हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में कहा कि आदिवासी समाज के लोग प्राचीन परंपराओं और प्रकृति के उपासक है। पेड़ों, पहाड़ों की पूजा और जंगलों को संरक्षण देने को ही अपना धर्म मानते हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनगणना के फॉर्म में आदिवासी धर्मावलंबियों के लिए “आदिवासी” या “सरना” धर्म कोड दर्ज करने की मांग एक बार फिर उठाई है। उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि यह देश भर के आदिवासियों की पहचान और उनके विकास से जुड़ा विषय है। हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में कहा कि आदिवासी समाज के लोग प्राचीन परंपराओं और प्रकृति के उपासक है। पेड़ों, पहाड़ों की पूजा और जंगलों को संरक्षण देने को ही अपना धर्म मानते हैं। राज्य की एक बड़ी आबादी सरना धर्म को मानने वाली है। इस प्राचीनतम सरना धर्म का जीता-जागता ग्रंथ स्वयं जल, जंगल, जमीन और प्रकृति है। हेमंत सोरेन ने कहा कि सरना धर्म की संस्कृति, पूजा पद्धति, आदर्श और मान्यताएं प्रचलित सभी धर्माें से अलग है।
उन्होंने आदिवासियों की चिर प्रतीक्षित मांग पर केंद्र सरकार की ओर से सकारात्मक निर्णय लेने की मांग की है। सीएम ने इस पत्र को सोशल मीडिया “एक्स” पर पोस्ट भी किया है। खास बात यह है कि सोरेन ने इस पत्र में प्रधानमंत्री को समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए तत्पर बताते हुए उनकी सराहना की है।