रोम, न्यूयॉर्क टाइम्स। चीन के बाद इटली दुनिया में कोरोना से दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। यहां वायरस ने अब तक 2,100 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। सोमवार को अकेले एक ही दिन में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इन दहशत भरे आंकड़ों के बीच दिल को चुभने वाली बात यह भी है कि अपने प्रियजनों को इस वायरस के चलते खो देने वाले लोग आखिरी बार उन्हें देख भी नहीं पा रहे हैं।
सभी को घरों में रहने का आदेश
कोरोना ने इटली को बुरी तरह गिरफ्त में ले लिया है। सरकार ने सभी को घरों में रहने का आदेश सुना दिया है। डॉक्टर और नर्स दिन-रात लोगों की जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं। घरों में कैद बच्चे खिड़कियों से रंगे-बिरंगे पोस्टर लहराकर खुद को बहला रहे हैं। घर के बड़े लोग बालकनी में खड़े होकर गाना गाते हुए खुद को सुकून देने की कोशिश में हैं। मन को शांत रखने की इन कोशिशों के बीच सबसे बड़ा दर्द हैं उन अपनों के शव, जिन्होंने इस महामारी के चलते जान गंवा दी है।
अंतिम संस्कार के पारंपरिक तरीकों पर प्रतिबंध
कोरोना की दहशत के चलते इटली ने अंतिम संस्कार के पारंपरिक तरीकों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसलिए चाहकर भी लोग अपने प्रियजनों का विधिवत अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं। कुछ प्रांतों में अस्पताल शवों से भरे हैं। दृश्य भयावह हो गया है। कब्रिस्तानों में लोगों को दफनाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।
शव दफनाने की जगह भी नहीं
इटली के बरगामो प्रांत के चर्च ऑफ ऑल सेंट्स के पादरी मार्को बरगामेली ने कहा, ‘रोज सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है। हमें समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें कहां दफनाएं। एक शव को दफनाने में कम से कम एक घंटे का समय लगता है। ऐसे में बड़ी संख्या में शव दफनाए जाने के इंतजार में रखे हैं।’ उन्होंने कहा कि इस समय अपनों के साथ की जरूरत है, लेकिन प्रतिबंधों के चलते लोग एक-दूसरे से मिल भी नहीं पा रहे हैं।
source: jagran.com