बैंकिंग सेक्टर की दो बड़ी यूनियनों, ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन (AIBEA) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) ने 27 मार्च को हड़ताल करने का आह्वान किया है। इन यूनियनों ने मेगा बैंक मर्जर के विरोध में यह हड़ताल बुलाई है। एआईबीईए के शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही है। गौरतलब है कि बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने मेगा बैंक मर्जर के लिए अनुमति दी है।
एआईबीईए के जनरल सेकेट्री सी एच वेंकटाचलम ने कहा, ‘क्या कोई यह कह सकता है कि बैंको के विलय से इतने बड़े कॉरपोरेट बेड लोन की रिकवरी हो जाएगी? हमने देखा है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के मर्जर के बाद इसके बेड लोन में इजाफा हुआ है। अब ठीक यही खतरा इन बैंको के साथ होगा।’ वेंकटाचमल के अनुसार, यूनियनों ने इस महीने विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला की योजना बनाई थी, जिसमें 27 मार्च को हड़ताल भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि एसबीआई और पिछले साल बैंक ऑफ बड़ौदा के मर्जर के बाद सरकार ने 10 बैंकों के विलय की घोषणा की है। इसका मतलब है कि आंध्रा बैंक, इलाहबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, सिंडिकेट बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया बंद हो जाएंगे। वेंकटाचमल ने कहा कि यूएस में भारत की तुलना में बेहद कम जनसंख्या है, इसके बावजूद वहां बैंकों की संख्या भारत से कई अधिक है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मेगा बैंक मर्जर पर मुहर लगाई है। सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ दो बैंकों के विलय के अच्छे परिणामों को देखते हुए 10 और बैंकों के विलय का फैसला लिया है। यह मेगा बैंक मर्जर एक अप्रैल 2020 से प्रभावी हो जाएगा। वित्त मंत्रालय द्वारा पिछले साल 30 अगस्त को इस मेगा बैंक मर्जर की घोषणा की गई थी।
कैबिनेट की मुहर के बाद अब एक अप्रैल से पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय होगा। वहीं, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय होगा। इसके अलावा कैनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय हो जाएगा। बैंको के इस मेगा मर्जर के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी।
इससे पहले बैंक यूनियनों ने अपनी वेतन वृद्धि से जुड़ी व अन्य मांगों को लेकर 11 मार्च से तीन दिन की हड़ताल का आह्वान किया था, लेकिन इसे बाद में टाल दिया गया।
source: Jagran.com