वायरस की दवाइयों को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं। इस बीच आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कोरोना वायरस से निपटने को लेकर विभिन्न औषधियों के कारगर होने की जो सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं, वो सत्यापित नहीं हैं। साथ ही उन्होंने भी साफ कर दिया कि इससे मंत्रालय का कोई लेनादेना नहीं है। सदन में तेजस्वी सूर्या, उत्तम कुमार रेड्डी और शताब्दी रॉय के पूरक प्रश्नों के उत्तर में नाईक ने यह भी कहा कि आयुष मंत्रालय की ओर से जो परामर्श जारी किया गया था, उसमें किसी दवा से कोरोना के उपचार का दावा नहीं किया गया।
आयुष मंत्री ने कहा कि परामर्श में सिर्फ श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने के उपाय सुझाए गए थे। रेड्डी और शताब्दी ने सवाल किया कि सत्तापक्ष के कुछ लोगों की ओर से गौमूत्र तथा कुछ अन्य चीजों से कोरोना के ठीक होने का दावा किया जा रहा है, इस पर मंत्रालय का क्या कहना है? इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि बहुत सारी चीजों का प्रसार किया जा रहा है। कुछ जानकारियों का प्रसार किया जा रहा है जो सत्यापित नहीं है। इससे मंत्रालय का कोई लेनादेना नहीं है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कुछ चीजें भारत की पुरानी परंपरा से जुड़ी हैं। इसे मानना या नहीं मानना आपके ऊपर है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के नाम संबोधन में साफ कर दिया था कि अभी तक कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोई दवा या वैक्सीन तैयार नहीं हुई है। पीएम मोदी ने कहा था कि अगर जरूरी न हो, तो घर से बाहर न निकलें, तभी कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।
दरअसल, कोरोना वायरस की दवाओं को लेकर सोशल मीडिया पर काफी मैसेज वायरल हो रहे हैं। इनमें कई एलोपैथिक और होम्योपैथिक दवाओं का जिक्र किया जा रहा है। हालांकि, प्रधानमंत्री के बाद अब आयुष मंत्री ने भी साफ कर दिया है कि अभी तक कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं आई है। हां, राहत की खबर यह है कि अमेरिका ने कोरोना वायरस वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू कर दिया है, जिसके आशाजनक परिणाम सामने आए हैं।
source: jagran.com