यूं तो यह शहर गुरु गोरखनाथ जी के पुण्य स्मरण के साथ सोता-जागता है। लेेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर है। विकास के कैनवास पर एक नई-निखरती तस्वीर पेश करता शहर। तीन साल पहले तक जिस पर जापानी बुखार से मौतों का बदनुमा दाग चस्पा था, वह अब अपने नए कलेवर पर फख्र करता है। बंदी के कारण हजारों लोगों को बेरोजगारी के गर्त में झोंक चुके और कबाड़ की शक्ल ले चुके खाद कारखाने में अब सब कुछ नया-नया है। और, अधिक क्षमता से उत्पादन शुरू करने की दहलीज पर है
मुंबई के मेरिन ड्राइव का नजारा पेश करता है रामगढ़ताल
रामगढ़ताल मुंबई के मेरिन ड्राइव का नजारा पेश करता है। इसके किनारे हर शाम एक मेला आकार ले लेता है। इससे गलबहियां करता-विकसित होता चिडिय़ाघर अपने आप में अनूठा होगा। तेजी से तामीर होता अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पूर्वांचल ही नहीं, पश्चिम बिहार व नेपाल के लोगों की सेहत की निगहबानी करेगा। हाईवे और अंडरपास सफर को सुगम बनाने के लिए वजूद में आ चुके हैं। मेट्रो रेल की परियोजना भी कमोबेश तैयार है। स्पेशल इकोनॉमिक जोन भारत और नेपाल के बीच आर्थिक उन्नयन का केंद्र बनेगा। सड़कों-गलियों को गड्ढा मुक्त करने के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है।
सभी की जुबां पर योगी का विकास
इसकी गवाही खास से लेकर आम लोग भी दे रहे हैं। सिविल लाइंस में विश्वविद्यालय के निकट अपने रिक्शे पर पांव पसारे थकान उतार रहे सुभाष से यूं ही सरेराह चलते-चलते कुछ सवाल किए गए। 20 साल से रिक्शा चला रहे सोनबरसा क्षेत्र के बड़की डुमरी निवासी सुभाष बेबाक कहते हैं-योगी जी सफाई करवाते हैं, सड़क और सुरंग (अंडरपास) बनवाए हैं। खाद वाला फर्टिलाइजर हैं। आप तीन साल के काम से कितना संतुष्ट हैं, इसके जवाब में कहते हैं-और लोगों से बेहतर है ही। सफाई होती नहीं थी। जाम लगता था, सुरंग भी नहीं बनवाए।
पुराने गोरखपुर में साइकिल लिए नौकरी पर जाने की तैयारी कर रहे असरार मियां से तीन साल की प्रगति के बारे में पूछने पर कहते हैं-‘ठीक है’। सरकार से संतुष्ट हैं, का नपा-तुला जवाब देते हैं-‘हां’। ‘हमको इतनी जानकारी नहीं है’-के साथ इस सवाल को सरका दिया कि सरकार को नंबर देना हो तो 100 में कितना देंगे। आखिरी सवाल सरकार पास है या फेल है पर कहते हैं-‘ठीक है, पास है’। यह तो रही बानगी। गली-नुक्कड़ पर लोग योगी सरकार के तीन साल को याद करते कहते हैं-‘इस शहर की जितनी फिक्र योगी जी ने की, उतना किसी ने नहीं किया। लेकिन अब भी करने के लिए बहुत कुछ है। आने वाले दो साल में देखिए और कितना विकास होता है।’
तीन साल में शहर का बहुत विकास हुआ। सड़कें चौड़ी व अंधेरा दूर हो गया। सरकारी जमीनों, ताल-पोखरों से अवैध कब्जे हटे। पार्कों की सफाई, हवाई अड्डा का विस्तार, कानून व्यवस्था अच्छी हुई। रामगढ़ ताल का सुंदरीकरण चल रहा है। – डॉ. रामरतन बनर्जी, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तीन साल के कार्यकाल में शहर के हिस्से अनेक उपलब्धियां आईं, जिन्हें गिनाना मुश्किल है। मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था ठीक हुई। यहां खाद कारखाना व एम्स उन्हीं की देन है। पहले की अपेक्षा बहुत ज्यादा विकास हुआ। – अदनान फर्रूख शाह (मियां साहब), सज्जादानशीन, इमामबाड़ा इस्टेट, मियां बाजार।
योगी सरकार के तीन वर्ष विकास-पर्व हैं। गोरखपुर का स्वरूप ही बदल गया है। रामगढ़ ताल के सुंदरीकरण, निर्माणाधीन जंतु उद्यान, प्रेक्षागृह, वाटर स्पोट्र्स, एम्स, फर्टिलाइजर कारखाना, अंत्येष्टि स्थल, सड़कों का चौड़ीकरण, इंसेफ्लाइटिस पर नियंत्रण, एयरपोर्ट का विस्तार सहित अनगिनत उपलब्धियां हैं। – डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल, नगर विधायक
पढऩे-लिखने वाला व्यक्ति हूं, ऐसे में व्यक्तिगत रूप से मैंने महसूस किया है कि योगी सरकार में बिजली का संकट कभी नहीं रहा। ऐसे में मेरी पठन-पाठन की निरंतरता बाधित नहीं होती। दूसरी सरकारों में मैंने यह संकट खूब झेला है। – प्रो. विश्वनाथ तिवारी, पूर्व अध्यक्ष, साहित्य अकादमी
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