चीन से फैले कोरोना वायरस ने व्यापक रूप धारण कर लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के इसको महामारी घोषित करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इसको महामारी के समकक्ष घोषित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा तथा स्वास्थ्य जय प्रताप सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना तथा शीर्ष अधिकारियों के साथ करीब दो घंटा मंथन किया।
लोकभवन में बैठक के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से वार्ता की। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश इस समय कोरोना वायरस काफी नियंत्रण में है। सरकार ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित नहीं किया लेकिन स्वास्थ्य विभाग को आपात स्थिति के लिए अलर्ट किया गया है। इसको महामारी नहीं घोषित किया गया है,बीमारी के लिए एपिडेमिक ऐक्ट के अंतर्गत कुछ विशेषाधिकार नियत किए गए हैं। सरकार की तरफ से इससे लडऩे के हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। कोरोना वायरस की जांच के लिए लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के साथ ही संजय गांधी पीजीआई में इसके संक्रमण के जांच की सुविधा है। इसके साथ ही लोहिया संस्थान में भी जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित है सिर्फ वही मास्क लगाएं। अनावश्यक रूप से मास्क लगा कर इसको पैनिक करने से बचें।
उन्होंने कहा कि यह सच है कि कोरोना वायरस की दहशत यूपी के कई शहरों तक पहुंच चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अबतक कोरोना वायरस के 11 मामले सामने आए हैं। 10 का इलाज दिल्ली और एक का इलाज लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में चल रहा है। कोरोना से लडऩे के लिए हम करीब डेढ़ महीने से तैयारी कर रहे थे और हमारे पास बचाव के सारे साधन हैं। 24 मेडिकल कॉलेजों में 448 बर्थ रिजर्व्ड है। इन मेडिकल कॉलेजों में सैंपल जांच की भी सुविधा है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमने यह तय किया है कि इससे निपटने के लिए सभी डॉक्टर और पैरामेडिक्स कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज करने के लिए अभ्यस्त हों। सभी मेडिकल कॉलेजों में आइसोलेशन वॉर्ड बनाया जाए। प्रदेश की सभी सीमा पर पर्याप्त सर्विलांस सिस्टम लगाया जाए। सभी डीएम को राज्य की सीमाओं पर स्क्रनिंग सेंटरों का निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है। सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वॉर्ड के लिए उपयुक्त किट और सुरक्षित गियर उपलब्ध कराए जाएं। यूपी में कोरोना वायरस में अब तक जो मामले सामने आए हैं, उनमें आगरा और लखनऊ शामिल है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संस्थाओं को सार्वजनिक कार्यक्रम पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं वहीं सरकार भी अपने 3 वर्ष के कार्यकाल के उपलक्ष में कोई ऐसा कार्यक्रम आयोजित नहीं करेगी जिसमें जनसमूह एकत्र हो। अभी सिनेमा हॉल व सिनेप्लेक्स मालिकों पूरी सतर्कता के साथ फिल्म शो संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित नहीं किया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग को एपिडेमिक एक्ट के तहत आपात स्थिति के लिए तैयार करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश उन्होंने दिए।
यूपी में पांच लैब मैं कोरोना वायरस की जांच होगी। इसमें केजीएमयू के अलावा एसजीपीजीआई लखनऊ, बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर और बीएचयू व एएमयू शामिल है। सीएम ने बताया कि 1268 आइसोलेशन बेड यूपी में विभिन्न अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में आरक्षित किए गए हैं अभी तक 4100 पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा चुकी है और आगे ट्रेनिंग प्रोग्राम जारी रहेगा। उन्होंने बताया अभी यूपी में कोरोना वायरस के 11 मरीज पाए गए हैं इसमें आगरा के साथ गाजियाबाद के दो और लखनऊ व नोएडा के एक-एक मरीज शामिल हैं। उन्होंने प्रदेश में किसी भी तरह के के सार्वजनिक कार्यक्रम को आयोजित किए जाने पर रोक लगाए जाने के आदेश दिए हैं।
यूपी में कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। ऐसे शिक्षण संस्थान जहां पहले से परीक्षाएं चल रही हैं वह यथावत चलेंगी और वहां पर कोरोना वायरस से संबंधित बचाव के उपाय किए जाएंगे । 20 मार्च को फिर रिव्यू मीटिंग होगी और आगे तय किया जाएगा शिक्षण संस्थानों को खोला जाए या नहीं ।
योगी सरकार ने कोरोना को महामारी के समकक्ष घोषित करते हुए सभी स्कूल-कॉलेज 22 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी किया है। अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में यह फैसला लिया है। इस फैसले पर 20 मार्च को समीक्षा होगी जिसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।
इससे पहले लोक भवन सीएम कार्यालय में करीब दो घंटा की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस को महामारी के समकक्ष घोषित किया गया। इसके साथ ही 22 मार्च तक सभी शिक्षण संस्थान को बंद करने का निर्णय भी लिया गया। इसमें बेसिक से लेकर उच्च व तकनीकी शिक्षण संस्थान बंद होंगे। जहां पर बोर्ड की परीक्षा चल रही हैं, वह संस्थान सिर्फ परीक्षा के समय तक खुले रहेंगे। अगर परीक्षा शुरू नहीं हुई है तो आगे टलेंगी। कोरोना वायरस का असर विश्व व्यापी हो चुका है। देश में अभी तक सात दर्जन लोग इसकी चपेट में हैं। उत्तर प्रदेश में भी एक दर्जन लोगों में इसका बड़ा असर हो चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में रहे सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी है। इसके बाद भी इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है। हम लोग इससे उबरने में सक्षम हैं। कोरोना वायरस को लेकर हमने दो तरह की योजना तैयार की है। दो पक्ष में पहला पक्ष इससे बचाव का है और फिर दूसरा पक्ष इलाज का है। इसका निदान संभव है। इसके बारे में हम लोगों को जागरूक करें, न कि भय का वातावरण पैदा करें। अपने आसपास के लोगों को सतर्क करें, बाकी का काम सरकार कर रही है।
source: Jagran.com