दिल्ली के हैदरपुर गांव में एक हैंड ग्रेनेड मिलने से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि हैंड ग्रेनेड में जंग लगा है। फिलहाल इसे एनएसजी की टीम ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। दरअसल स्थानीय लोगों ने हैंड ग्रेनेड मिलने की जानकारी पुलिस प्रशासन को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने इसे बरामद कर लिया।
इसके बाद पुलिस ने इसे एनएसजी टीम को सौंप दिया। फिलहाल इस बात की जांच की जा रही है कि यह आया कहां से। कहीं इसके पीछे कोई गहरी साजिश तो नहीं। बता दें कि हैंड ग्रेनेड आतंकी इस्तेमाल करते हैं। सुरक्षाबलों और बेकसूर लोगों को निशाना बनाने के लिए आतंकी हैंड ग्रेनेड के जरिए हमला करते रहे हैं। हैंड ग्रेनेड फटने से जानमाल को काफी नुकसान होता है।
हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस सतर्क
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के बाद से पुलिस सतर्क है। हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस तैनात है। इसके अलावा अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। रविवार शाम दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हिंसा की अफवाह ने दिल्लीवासियों के मन में दहशत पैदा कर दी थी। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस ने सख्त कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। अफवाहों को लेकर पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ देश विरोधी लोग अफवाहों के जरिये दिल्ली में अशांति फैलाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस आयुक्त ने लोगों से अपील की कि अफवाह फैलाने वालों के बारे में अगर किसी को कोई जानकारी मिलती है तो वे तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम 112 या 100 नंबर पर जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने दिल्लीवासियों से किसी भी तरह के अफवाह से बचने की सलाह दी। दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है।
पुलिस जांच के बाद सील होगी तेजाब फैक्ट्री
दिल्ली के शिव विहार के गोविंद विहार स्थित तेजाब फैक्ट्री को पुलिस जांच के बाद सील किया जाएगा। यह वही तेजाब फैक्ट्री है जहां से हिंसा प्रभावित इलाकों में तेजाब पहुंचाया गया था। जिसकी वजह से भारी तबाही हुई थी। यहां तक कि पुलिसकर्मियों पर भी तेजाब से हमला किया गया था। उपद्रवियों से यहां से मिले तेजाब का जमकर दुरूपयोग किया था।
गौरतलब है कि बैंड की आड़ में तेजाब फैक्ट्री चलाई जा रही थी। हिंसा के दौरान यहां से भारी मात्रा में तेजाब की आपूर्ति की गई थी। यहां तक कि हिंसा से पहले भी आपूर्ति हुई थी। यहां जब पुलिस पहुंची तब भी 60 हजार लीटर तेजाब मिला। गंगा जल लिखे टंकियों में तेजाब जमा किया जाता था। यह फैक्ट्री इस इलाके में अवैध तरीके से चलाई जा रही थी। दंगों के दौरान ही इस अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ।
source: DainikJagran