मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भले ही मोदी सरकार ने इस साल मनरेगा के बजट में 33 फीसदी की कटौती की है फिर भी कांग्रेस के समय शुरू हुआ यह प्रमुख कार्यक्रम अब भी 14.42 करोड़ सक्रिय श्रमिकों का समर्थन करता है, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं हैं।
मनरेगा के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। खड़गे ने बजट में कटौती के लिए बीजेपी सरकार की आलोचना की। उन्होंने यूपीए सरकार की मनरेगा योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह कोविड लॉकडाउन के दौरान जीवनरक्षक बनी और करोड़ों श्रमिकों के लिए सुरक्षा जाल के रूप में काम किया।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने ट्वीट कर कहा, “2005 में आज ही के दिन हमारी कांग्रेस-यूपीए सरकार ने करोड़ों लोगों को ‘काम का अधिकार’ सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा लागू किया था।”
On this day in 2005, our Congress-UPA Govt enacted MGNREGA to ensure ‘Right to Work’ to crores of people.
Even though Modi Govt has cut MGNREGA’s budget by 33%, this year and it owes ₹6,366 crore in MGNREGA wages to 18 States and Union Territories, yet this flagship programme… pic.twitter.com/65Aqd3D9Rs
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 23, 2023
केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “भले ही मोदी सरकार ने इस साल मनरेगा के बजट में 33 फीसदी की कटौती की है और उस पर 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का 6,366 करोड़ रुपये का मनरेगा मजदूरी बकाया है, फिर भी कांग्रेस के समय शुरू हुआ यह प्रमुख कार्यक्रम अब भी 14.42 करोड़ सक्रिय श्रमिकों का समर्थन करता है, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं हैं।”
खड़गे ने कोविड महामारी के दौरान योजना द्वारा निभाई गई भूमिका पर रोशनी डालते हुए कहा, “कोविड लॉकडाउन के दौरान मनरेगा एक जीवनरक्षक था और इसने करोड़ों श्रमिकों के लिए सुरक्षा जाल के रूप में काम किया, जिससे महामारी के दौरान उनकी आय के 80 प्रतिशत नुकसान की भरपाई हुई।”
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 25 अगस्त 2005 को अधिनियमित भारतीय कानून है। मनरेगा वैधानिक न्यूनतम वेतन पर सार्वजनिक कार्य-संबंधी अकुशल शारीरिक कार्य करने के इच्छुक किसी भी ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सौ दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी प्रदान करता है।
Source: NH