सर्व सेवा संघ के कार्यक्रम समन्वयक रामधीरज ने बताया कि यह सरकार महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू सहित आजादी के नायकों की छवि खराब करने और राष्ट्रीय धरोहरों को नष्ट करने पर आमादा है।
वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ पर कब्जा हटाने के लिए शनिवार की सुबह रेलवे पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची। जिसके बाद सर्वसेवा संघ परिसर को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया। सर्व सेवा संघ बचाओ आंदोलन से जुड़े रामधीरज, नंदलाल मास्टर, अश्विनी समेत सात लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
सर्व सेवा संघ के कार्यक्रम समन्वयक रामधीरज ने बताया कि यह सरकार महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू सहित आजादी के नायकों की छवि खराब करने और राष्ट्रीय धरोहरों को नष्ट करने पर आमादा है। जलियांवाला बाग और साबरमती आश्रम को बदलकर इस सरकार ने पर्यटन स्थल बना दिया है।
ADM सिटी के मुताबिक, परिसर खाली होने के बाद ही ढहाने की प्रक्रिया शुरू होगी। विरोध को देखते हुए वाराणसी के 12 थानों की फोर्स मौके पर पहुंच चुकी है। इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके कहा कि प्रशासन की कार्रवाई देश के लिए शर्म की बात।
उन्होंने कहा, “मोदी जी दुनिया भर में जाकर गांधी के नामों पर राजनीति करना बंद कीजिए। देश और दुनिया के लिए शर्म की बात है कि जिस गांधी ने देश को आजादी दिलाई उसी देश में उनके विरासत पर आज वाराणसी में बुलडोजर की कार्यवाही हो रही है।”
https://twitter.com/digvijaya_28/status/1682616692596424704?s=20
उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी आप सदैव देश में और विदेशों में महात्मा गांधी के सम्मान में केवल शब्दों से और फोटो से सम्मान करते हैं। लेकिन आपने अपने गुजरात के मुख्यमंत्री काल में और अब प्रधान मंत्री काल में हमेशा उनके विचारों की हत्या की है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि आप में थोड़ा सा भी महात्मा गांधी और उनके विचारों से सहानुभूति है तो तत्काल वाराणसी में विनोभा भावे डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा स्थापित संस्था पर बुल डोज़र चलाना बंद कीजिए।
बता दें कि वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ के भवनों के ध्वस्तीकरण को लेकर प्रशासन और संघ के बीच काफी समय से खींचतान चल रही है। जमीन के मालिकाना हक पर चल रहे विवाद में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने सुनवाई के बाद फैसला रेलवे के हक में दिया है। उन्होंने सर्व सेवा संघ का निर्माण अवैध करार देते हुए जमीन को उत्तर रेलवे की संपत्ति माना है। सर्व सेवा संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
Source: Navjivan