जयराम रमेश ने कहा कि क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधान मंत्री को इसकी जानकारी नहीं है? मोदी सरकार सब कुछ ठीक है की तरह व्यवहार करना कब बंद करेगी? मणिपुर के सीएम को कब बदला जाएगा? ऐसी कितनी घटनाएं दबा दी गई हैं?
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात करने को इंतजार करने के लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की आलोचना करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि यह बिल्कुल अक्षम्य है।
जयराम रमेश की टिप्पणी उस घटना के संदर्भ में आई, जो 4 मई को मणिपुर में व्यापक जातीय हिंसा भड़कने के ठीक एक दिन बाद हुई थी, जहां भीड़ द्वारा दो महिलाओं को सार्वजनिक रूप से नग्न घुमाया गया था और स्वदेशी जनजातीय नेता मंच (आईटीएलएफ) के अनुसार, उनके साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया। हाल ही में सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हुआ है।
जयराम रमेश ने ट्विटर पर कहा, “मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़के 78 दिन और उस भयानक घटना के 77 दिन हो गए, जहां दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और कथित तौर पर बलात्कार किया गया। मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किए भी 63 दिन बीत गए।”
उन्होंने लिखा, “क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधान मंत्री को इसकी जानकारी नहीं है? मोदी सरकार सब कुछ ठीक है की तरह व्यवहार करना कब बंद करेगी? मणिपुर के सीएम को कब बदला जाएगा? ऐसी कितनी घटनाएं दबा दी गई हैं? मानसून सत्र आज से शुरू, भारत जवाब मांगेगा। चुप्पी तोडिये प्रधानमंत्री जी।”
बुधवार रात ईरानी ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे “सर्वथा अमानवीय” बताया। एक ट्वीट में, केंद्रीय मंत्री ने कहा: “मणिपुर से दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का भयावह वीडियो निंदनीय और पूरी तरह से अमानवीय है। सीएम एन. बीरेन सिंह से बात की, जिन्होंने मुझे सूचित किया है कि जांच चल रही है और आश्वासन दिया है कि अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी चुप्पी से मणिपुर में अराजकता फैल गई है। कांग्रेस ने कहा कि वह गुरुवार से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाएगी।
गौरतलब है कि मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है जबकि हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
Source: Navjivan