बाइडेन मंगलवार और बुधवार को लिथुआनिया के विलनियस में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। नाटो सदस्यता के लिए जेलेंस्की का दबाव सम्मेलन में चर्चा का मुख्य केंद्र होगा। बैठक में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ के नेता भी भाग लेंगे।
अमेरिका ने यूक्रेन को बड़ा झटका देते हुए उसके नाटो सदस्य बनने के सपने को तोड़ दिया है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि यूक्रेन अभी नाटो की सदस्यता के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि कीव पर चल रहे रूसी आक्रमण की समाप्ति के बाद ही सैन्य गठबंधन युद्धग्रस्त राष्ट्र को इसमें शामिल करने पर विचार कर सकता है।
रविवार रात को सीएनएन समाचार चैनल के साथ साक्षात्कार में बाइडेन ने कहा कि कीव को नाटो सदस्यता देने की बातचीत अभी ”समय से पहले” है। उन्होंने कहा कि हालांकि अमेरिका और नाटो के सहयोगी देश यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमीर ज़ेलेंस्की और उनकी सेनाओं को सुरक्षा और हथियार प्रदान करना जारी रखेंगे, लेकिन उन्हें रूस के साथ युद्ध ख़त्म करने की कोशिश करने की ज़रूरत है।
बाइडेन ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि नाटो में इस बात पर एकमत है कि इस समय युद्ध के बीच यूक्रेन को गठबंधन परिवार में लाया जाए या नहीं।” राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर ज़ेलेंस्की से विस्तार से बात की है। उन्होंने अपने यूक्रेनी समकक्ष से कहा है कि प्रक्रिया पूरी होने तक अमेरिका यूक्रेन के लिए सुरक्षा और हथियार प्रदान करना जारी रखेगा जैसा कि वह इज़राइल के लिए करता है।
बाइडेन ने सीएनएन को बताया, “मुझे लगता है कि हमें नाटो में शामिल होने के योग्य होने के लिए यूक्रेन के लिए एक तर्कसंगत रास्ता तैयार करना होगा। पिछले सप्ताह पहली बार यूक्रेन को क्लस्टर युद्ध सामग्री भेजने की वाशिंगटन की घोषणा के संबंध में बाइडेन ने सीएनएन को बताया कि कीव को विवादास्पद गोला-बारूद देना एक “कठिन निर्णय” था, लेकिन वह आश्वस्त थे कि यह जरूरी है क्योंकि युद्धग्रस्त देश के असलहे समाप्त हो रहे थे।
बाइडेन ने यूरोप की एक सप्ताह की यात्रा पर निकलने से पहले यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। अपनी यात्रा के दौरान वह मंगलवार और बुधवार को लिथुआनिया के विलनियस में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध और नाटो सदस्यता के लिए ज़ेलेंस्की का दबाव शिखर सम्मेलन में चर्चा का मुख्य केंद्र होगा। बैठक में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ के नेता भी भाग लेंगे।
Source: Navjivan