[विनीत त्रिपाठी]। Heroes of Delhi Violence: एक युवक ने आठ किलोमीटर पैदल चलकर पत्नी की जान बचाई। शिव विहार जीरो नंबर गली निवासी अरुण ने बताया, शिव विहार तिराहे पर 24 फरवरी की दोपहर से ही पथराव शुरू हो गया था। मेरी पत्नी सिमरन घर में अकेली थीं और मैं काम के सिलसिले में बाहर गया था। हिंसा भड़कने की जानकारी हुई तो मैं गोकुलपुरी स्थित ससुराल गया और पिता को भी घर जाने से रोक दिया।
अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं सिमरन को कैसे लेने जाऊं। मैं लगातार उससे फोन पर संपर्क में था। वह बहुत डरी हुई थी। वह बता रही थी कि राजधानी इंटरनेशल स्कूल की छत पर कब्जा कर उपद्रवी गुलेल से पत्थर और पेट्रोल बम आसपास के घरों और दुकानों पर फेंक रहे हैं। मुझे पत्नी की चिंता सता रही थी। मैंने जान की परवाह नहीं की और गोकुलपुरी से देर रात 11 बजे पैदल ही शिव विहार के लिए निकल पड़ा।
जौहरीपुर रोड के नाले के किनारे-किनारे जौहरी पुल पहुंचा तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने मुझे अंदर जाने से रोक दिया और वापस भेज दिया। अरुण बताते हैं, 24 फरवरी की पूरी रात वह जागते रहे और बार-बार सिमरन से हाल पूछते रहे।
रास्ते का खौफनाक था मंजर
सुबह करीब तीन बजे वह फिर शिव विहार जाने के लिए निकल पड़े। पूरे रास्ते पर अंधेरा और खौफनाक मंजर था। रास्ते में दुकानें, घर और वाहन धूं-धूं करके जल रहे थे। वह किसी तरह जौहरीपुर नाले के किनारे-किनारे शिव विहार पहुंचे। घर जाने से पहले वह परिचित के घर गए। उनके पीछे के गेट से निकलकर सुबह करीब पांच बजे वह घर पहुंचे। हिंसा प्रभावित इलाके में उन्होंने गोकुलपुरी से शिव विहार के बीच का चार किलोमीटर का फासला अकेले पैदल तय किया। वहां से पत्नी को लेकर वह फिर जौहरीपुर नाले के किनारे-किनारे गोकुलपुरी वापस लौटे और तब जाकर चैन की सांस ली।
source: DainikJagran