कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने अपने पत्र में पीएम से कहा है कि कांग्रेस पार्टी और अपने नेताओं की ओर से मैं एक बार फिर जाति आधारित जनगणना कराने की मांग करने के लिए पत्र लिख रहा हूं।
देश में जातीय जनगणना कराने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “2021 में नियमित दस वर्षीय जनगणना की जानी थी लेकिन यह नहीं हो पाई है। हम मांग करते हैं कि इसे तत्काल किया जाए और व्यापक जाति जनगणना को इसका अभिन्न अंग बनाया जाए। मुझे आशंका है कि जातिगत जनगणना के अभाव में सामाजिक न्याय के कार्यक्रमों के लिए डेटा अधूरा है। PM को मेरा पत्र -”
2021 में नियमित दस वर्षीय जनगणना की जानी थी लेकिन यह नहीं हो पाई है।
हम मांग करते हैं कि इसे तत्काल किया जाए और व्यापक जाति जनगणना को इसका अभिन्न अंग बनाया जाए।
मुझे आशंका है कि जातिगत जनगणना के अभाव में सामाजिक न्याय के कार्यक्रमों के लिए डेटा अधूरा है।
PM को मेरा पत्र – pic.twitter.com/f8iX9miSKr
— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 17, 2023
उन्होंने पीएम मोदी को पत्र में लिखा है, “मैं एक बार फिर नवीनतम जाति जनगणना के लिए आधिकारिक रुप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग को रखने के लिए आपको ये पत्र लिख रहा हूं। मेरे सहयोगियों ने और मैंने पहले भी कई अवसरों पर संसद के दोनों सदनों में इस मांग को उठाया है। कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी इस मांग को रखा है।
खड़गे ने आगे लिखा कि आप जानते हैं कि यूपीए सरकार ने पहली बार 2011-12 के दौरान करीब 25 करोड़ परिवारों को कवर करते हुए सामाजित आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) कराई थी। मई 2014 में आपकी सरकार आने के बाद कांग्रेस और अन्य सांसदों ने इसे जारी करने की मांग की, लेकिन कई कारणों से जातिगत आंकड़े प्रकाशित नहीं किए गए।
मुझे आशंका है कि नवीनतम जाति जनगणना के अभाव में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण कार्यक्रमों, विशेष रूप से ओबीसी के उत्थान के लिए आवश्यक डेटा बेस अधूरा है। यह जनगणना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। मैं यह भी बताना चाहता हूं कि 2021 में दशवार्षिक जनगणना होनी थी, लेकिन अभी तक नहीं हो पाई है। हम मांग करते हैं कि इस तुरंत किया जाए और व्यापक जातिगत जनगणना को इसका अभिन्न अंग बनाया जाए।
Jitni aabadi, utna haq!
Congress President @kharge-ji has written to PM demanding that the decennial Census that should have been conducted in 2021 be done right-away, and a Caste Census be made its integral part. This will put social justice & empowerment on a firmer footing. pic.twitter.com/vM7cXzLCel
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 17, 2023
Source: NH