दिल्ली हिंसा की सुनवाई करने वाले हाई कोर्ट के जज मुरलीधर के ट्रांसफर पर राहुल गांधी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि मैं जज लोया को याद कर रहा हूं, जिनका ट्रांसफर नहीं किया गया था। गौरतलब है कि जज लोया की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि जज लोया की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी, जो सोहराबुद्दीन केस की सुनवाई कर रहे थे। उनकी मौत के बाद कई गंभीर सवाल खड़े किए गए थे। गृह मंत्री अमित शाह का भी इसमें नाम जुड़ा था। कई कोशिशों के बाद भी उनकी संदिग्ध मौत की दोबारा जांच नहीं हो पाई। इसे लेकर पूरे देश में आवाज उठी थी।
जज मुरलीधर के ट्र्रांसफर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “न्यायमूर्ति मुरलीधर की आधी रात को ट्रांसफर किया जाना मौजूदा विवाद को देखते हुए चौंकाने वाला नहीं है, लेकिन यह प्रमाणित रूप से दुखद और शर्मनाक है। लाखों भारतीयों को एक न्यायप्रिय और ईमानदार न्यायपालिका में विश्वास है, न्याय को विफल करने और उनके विश्वास को तोड़ने के सरकार के प्रयास दुस्साहसी हैं।”
गौरतलब है कि बुधवार को दिल्ली हिंसा की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से तीखे सवाल किए थे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और हाई कोर्ट के जस्टिस ए मुरलीधर के बीच गर्मागर्म बहस हुई थी। बुधवार को रात-रात होते उनके ट्रांसफर की खबर आ गई। इस मामले को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी एन पटेल की बेंच में ट्रांसफर कर दिया गया। वहीं, जस्टिस मुरलीधर का तबादला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट कर दिया गया।
हालांकि जस्टिस मुरलीधर के तबादले की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलीजियम ने 12 फरवरी को ही की थी, लेकिन दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई के चंद घंटे बाद ही राष्ट्रपति ने इस सिफारिश पर अधिसूचना जारी कर दी।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार (26, फरवरी, 2020) को सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने तीन बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि इन तीनों नेताओं के भड़काऊ बयानों के चलते दिल्ली हिंसा का शिकार हुई और लोगों की जान गई। जज मुरलीधर ने सरकार से कई ऐसे सवाल पूछे जिससे वह असहज नजर आई।