पिछले महीने 18 दिसंबर को बजट पूर्व परामर्श बैठक में भी बीएमएस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष इन मुद्दों को उठाया था। लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने के बाद अब संघ ने 20 जनवरी को देश भर में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमस) ने सरकार की पेंशन नीति के खिलाफ 20 जनवरी को देश भर में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सभी कार्यालयों पर धरना और विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया है। बीएमएस कर्मचारी पेंशन योजना 95 (ईपीएस) को लेकर देश भर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम ज्ञापन भी सौंपेगा।
सोमवार को भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच जे पंड्या की अध्यक्षता में हुई बीएमएस की केंद्रीय कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक में देशव्यापी धरना और विरोध प्रदर्शन करने का यह फैसला किया गया। बीएमएस ने सरकार से पेंशनभोगियों को आयुष्मान भारत चिकित्सा योजना के तहत कवर करने के साथ-साथ पेंशन को लेकर एक सार्वभौमिक योजना बनाने की मांग भी की है जिसके तहत पेंशन की राशि अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए।
केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद बीएमएस के राष्ट्रीय महासचिव बिनोय कुमार सिन्हा ने बयान जारी कर कहा कि कोरोना संकट काल में भी संगठित क्षेत्र में जीवन भर काम कर चुके लगभग 65 लाख पेंशनभोगियों को न्यूनतम 1000 रुपये की पेंशन राशि ही मिल पाई जो कि काफी कम है। उन्होंने कहा कि संघ की यह मांग है कि कर्मचारी पेंशन योजना-95 के तहत न्यूनतम पेंशन की मौजूदा राशि को 1000 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति महीना किया जाए और इस बढ़ोतरी का लाभ सभी 65 लाख पेंशनभोगियों को मिलना चाहिए।
बता दें कि पिछले महीने 18 दिसंबर को बजट पूर्व परामर्श बैठक के दौरान बीएमएस ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष भी इन मुद्दों को उठाया था। लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने के बाद अब संघ ने 20 जनवरी को देश भर में सभी ईपीएफओ कार्यालयों पर यह धरना और विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।