समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला कहा कि चुनाव आते ही भाजपा धर्म का चश्मा लगा लेती है, लेकिन यूपी में जनता अब बदलाव चाहती है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला कहा कि चुनाव आते ही भाजपा धर्म का चश्मा लगा लेती है, लेकिन यूपी में जनता अब बदलाव चाहती है। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को समाजवादी विजय रथ यात्रा का सातवां चरण प्रारंभ किया। वह रथ न्लेकर कांग्रेस के गढ़ रायबरेली पहुंचे हैं, जहां पर वह दो दिन विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि हम तो छोटे दलों को साथ लेकर चल रहे हैं। प्रदेश की जनता को सिर्फ धोखा मिला है। अब जनता यूपी में परिवर्तन चाहती है। उन्होंने कहा कि लोगों का उत्साह बता रहा है कि परिवर्तन होगा। कहा चुनाव आते ही भाजपा धर्म का चश्मा लगा लेती है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार झूठों की सरकार है। इस सरकार को बदलना है। अखिलेश ने योगी पर तंज कसते हुए कहा, बाबा को लैपटॉप चलाना नहीं आता, साढ़े चार साल में बिजली कारखाने का नाम नहीं रट पाए, 100 को 112 करके पुलिस का कबाड़ा कर दिया।
अखिलेश ने बछरावां में पहली सभा की। वह जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दौरा करेंगे। पहले दिन बछरावां, हरचंदपुर, सरेनी में भ्रमण किया। रायबरेली टोल प्लाजा से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का चुनाव विजय रथ चलने के बाद चुरुआ पहुंचा। यहां पर अखिलेश यादव ने हनुमान जी के दर्शन कर विजय का आशीर्वाद लिया। आज तीन विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। बाकी तीन विधानसभा क्षेत्रों का दौरा अगले दिन करेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि जब खाद की जरूरत होती है तो किसानों को समय पर खाद नहीं मिलती। लाइन में लगकर खाद मिली भी तो घर जाकर बोरी देखी तो पता चला पांच किलो खाद पहले से ही चोरी हो गई। उन्होंने आगे कहा कि कहा यह जाता है कि बाबा 24 घंटे काम करते हैं। 24 घंटे काम करने वाले मुख्यमंत्री किसानों की फसल का दाम नहीं दे पा रहे हैं। काम करते हैं, तभी खाद नहीं मिल रही। बीएड वाले भी बेरोजगार हैं। माताओं बहनों की समाजवादी पेंशन छिन गई। सरकार बनी तो पहले से तीन गुना पेंशन दी जाएगी। सपा सरकार में एम्स को जमीन दी गई। तब एम्स अस्पताल बना। बाबा बिजली कारखाने का नाम नहीं जानते। साढ़े चार साल में उत्तर प्रदेश के बिजली कारखाने का नाम भी नहीं रट पाए हैं, पर बिजली के बिल से लोगों को करंट लगता है।