वरुण गांधी किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर हिंसा और फिर हाल में यूपीटीईटी में गड़बड़ी समेत कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेरते रहे हैं। ऐसे बयानों के कारण ही अक्टूबर में उन्हें और उनकी मां मेनका गांधी को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया गया था।
पीलीभीत से बीजेपी के लोकसभा सांसद वरुण गांधी ने मोदी सरकार की आर्थिक नीति पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि कुप्रबंधन ने बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों और दुकानदारों को अपना कारोबार बंद करने के लिए मजबूर किया है। बीजेपी सांसद ने लोगों से अपील की है कि वे अमेजन और वॉलमार्ट के बजाय पड़ोस के छोटे दुकानदारों से खरीदारी करके उनका समर्थन करें।
वरुण गांधी ने ट्विटर पर एक खबर साझा करते हुए कहा कि वैश्विक मंदी के समय वे (छोटे उत्पादक और दुकानदार) ही थे जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की देखभाल की। आज भ्रष्टाचार, महंगाई और आर्थिक नीति के कुप्रबंधन के कारण बड़ी संख्या में छोटे उत्पादक और दुकानदार अपना व्यवसाय बंद करने को मजबूर हैं।
भ्रष्टाचार,महंगाई और आर्थिक नीतिगतअव्यवस्था के कारण बड़ी संख्या में छोटे उत्पादक और दुकानदार काम-धंधा बंद करने पर मजबूर हैं।
एमाज़ॉन,वालमार्ट के बजाय अपने पड़ोस के छोटे दुकानदारों से खरीदारी करके इनका साथ दीजिए।
वैश्विक मंदी के समय इन्होंने ही देश की अर्थव्यवस्था को सम्भाला था। pic.twitter.com/aUsRkG9hdo
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 8, 2021
वरुण गांधी किसानों के विरोध से लेकर लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या की घटना और फिर 5 दिसंबर को यूपीटीईटी में अनियमितताओं समेत कई मुद्दों पर अपनी ही पार्टी की सरकार से सवाल करते रहे हैं। लखनऊ में यूपी शिक्षक परीक्षा के विरोध करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए वरुण गांधी ने पूछा था कि भर्ती क्यों नहीं की जाती हैं जब रिक्तियां होती हैं।
उन्होंने यूपी शिक्षक प्रवेश परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 में कथित अनियमितताओं के खिलाफ कैंडल लाइट मार्च निकालने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का एक वीडियो साझा करते हुए अफसोस जताया कि कोई भी उनकी मांग को सुनने के लिए तैयार नहीं है। लगातार ऐसे बयानों के बाद अक्टूबर में वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति से हटा दिया गया था।