महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर बड़ा हमला किया है। उनहोंने कहा, “8 नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी की गई थी। देश भर में जाली नोट पकड़े जाने लगे थे लेकिन 8 अक्टूबर 2017 तक महाराष्ट्र में एक भी जाली नोट का मामला सामने नहीं आया था क्योंकि देवेंद्र फडणवीस के संरक्षण में जाली नोट का खेल महाराष्ट्र में चल रहा था।”
Demonetisation was done in 2016. Counterfeit notes were being caught across the country but till 8 Oct'17 not a single case of counterfeit note was reported in Maharashtra as the game of counterfeit notes was going on in Maharashtra under Devendra Fadnavis: Nawab Malik
— ANI (@ANI) November 10, 2021
नवाब मलिक ने कहा कि 8 अक्टूबर, 2017 को डायरेक्टर इंटेलिजेंस रेवेन्यू ने एक छापेमारी कर 14 करोड़ 56 लाख रुपये के जाली नोट पकड़े थे, लेकिन उस मामले को रफा दफा करने के लिए देवेंद्र फडणवीस ने मदद करने का काम किया। इस मामले में एक मुंबई से, एक पुणे से इमरान आलम शेख और एक नवी मुंबई से गिरफ्तारी हुई, लेकिन 14 करोड़ 56 लाख के जाली नोटों को 8 लाख 80 हजार रुपये बताकर मामला दबा दिया गया।
नवाब मलिक ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान के जाली नोट भारत में चले, मामला दर्ज हो। उसमें कुछ दिनों में जमानत हो जाती है। उन्होंने कहा कि मामला एनआईए को नहीं दिया जाता है। मामले की जांच नहीं बढ़ती है, क्योंकि यह जो जाली नोटों का रैकेट चला रहे थे, उन्हें तत्कालीन सरकार का संरक्षण था। मलिक ने कहा कि फिर कहानी बनाई गई कि वह कांग्रेस का नेता है। लेकिन वो कभी कांग्रेस का नेता रहा ही नहीं। खेल था कि पकड़ा जाए तो कांग्रेस पर बिल फाड़ दो।