गौरतलब है कि पाकिस्तान के नए आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति को लेकर पाकिस्तान सेना और इमरान सरकार के बीच कथित गतिरोध के लगभग तीन सप्ताह बाद यह नियुक्ति हुई है। सेना ने 6 अक्टूबर को घोषणा की थी कि पूर्व आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को पेशावर कोर कमांडर बनाया गया है, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम को उनकी जगह नियुक्त किया गया है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने तब से लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम की नियुक्ति की आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की थी, जिससे सरकार-सैन्य संबंधों में तनाव के बारे में अफवाहें उड़ी थीं
लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम, जिन्हें सितंबर 1988 में सेवा में कमीशन किया गया था, इससे पहले कराची में कोर-वी के प्रमुख थे। इसके अलावा जनरल अंजुम ने कुर्रम एजेंसी में एक ब्रिगेड की कमान संभाली है, बलूचिस्तान में फ्रंटियर कॉर्प्स (उत्तर) का नेतृत्व किया है और वह दिसंबर 2020 में कोर कमांडर कराची बनने से पहले कमांड एंड स्टाफ कॉलेज क्वेटा के कमांडेंट भी रहे हैं।
12 अक्टूबर को कई दिनों की अटकलों के बाद, सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति का अधिकार प्रधानमंत्री के पास है और इस उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा था, “नए डीजी आईएसआई की नियुक्ति में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा, जिसके लिए दोनों (जनरल बाजवा और प्रधानमंत्री इमरान खान) सहमत हैं।”