पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत के आखिरी में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने न सिर्फ खेती-किसानी बल्कि निजीकरण, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत के आखिरी में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने न सिर्फ खेती-किसानी बल्कि निजीकरण, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया। टिकैत ने कहा कि अड़ियल सरकार को झुकाने के लिए वोट की चोट जरूरी है। टिकैत ने कहा, “देश बचेगा, तभी संविधान बचेगा। सरकार ने रेल, तेल और हवाई अड्डे बेच दिए हैं। किसने सरकार को ये हक दिया। ये बिजली बेचेंगे और प्राइवेट करेंगे। सड़क बेचेंगे और सड़क पर चलने पर हमलोगों से टैक्स भी वसूलेंगे।”
टिकैत ने कहा, “भारत बिकाऊ है, यानी सेल फॉर इंडिया का बोर्ड देश में लग चुका है। एलआईसी, बैंक सब बिक रहे हैं। इनके खरीदार अडाणी, अंबानी हैं। एफसीआई की जमीन, गोदाम अडाणी को दिए गए हैं। समुद्र तटों के सैकड़ों किलोमीटर तक बंदरगाह बेच दिए गए हैं, मछुआरे इससे परेशान हैं। ऐसे में सभी बड़े मुद्दों को साथ लाकर देश को बचाना है।”
किसान नेता ने कहा, “ये पानी बेच रहे हैं, नदियां निजी कंपनियों को बेची जा रही हैं। देश का संविधान भी खतरे में है, उसको भी बचाना है। खेती-किसानी जब बिकने की कगार पर आया तो किसान जागा। आपका बैंक कर्ज चुका दो तो और दोगुना कर्जा दे देगा। 9 महीने से हम आंदोलन कर रहे हैं और पूरा संयुक्त किसान मोर्चा डटा रहेगा। जब देश के किसान, नौजवान की जीत होगी, तभी हम अपने घर और गांव जाएंगे।
We take a pledge that we'll not leave the protest site there (at Delhi borders) even if our graveyard is made there. We will lay down our lives if needed, but will not leave the protest site until we emerge victorious: BKU (Arajnaitik) leader Rakesh Tikait at Kisan Mahapanchayat https://t.co/9v8dekM3vB pic.twitter.com/1pbp5ikQ8P
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 5, 2021
राकेश टिकैत ने कहा, “जब तक किसानों का मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक मैं मुजफ्फनरगर की धरती पर पैर नहीं रखूंगा। मैं सीधे यहीं आया और वापस गाजीपुर बार्डर चला जाऊंगा।” उन्होंने कहा कि 12000 करोड़ से ज़्यादा हमारा गन्ने का भुगतान बाकी है। हम जिस जमीन से आए हैं, ये गन्ने का बेल्ट हैं। जब किसानों के लिए काम करने वाली सरकार आएगी तो 450 रुपये प्रति क्विटल गन्ने का भाव देगी।
टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना से रेलवे के 4.5 लाख कर्मचारी बेरोजगार होंगे। सरकार ने रेलवे को प्राइवेट कर दिया है। कई ट्रेनें और स्टेशन बेच दिए हैं। राकेश टिकैत ने फिर दोहराया, “हम MSP की क़ानूनी गारंटी चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को वोट की चोट देनी पड़ेगी। ये बीजेपी के लोग यूपी दंगा कराने वाले लोग हैं लेकिन हम उत्तर प्रदेश में ये नहीं होने देंगे।”
टिकैत ने कहा कि हम ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर मोर्चा नहीं छोड़ेंगे, चाहे मर क्यों न जाएं। टिकैत ने महापंचायत में अल्लाह हू अकबर और हर हर महादेव के नारे भी लगवाए। उन्होंने कहा कि बाबा (महेंद्र सिंह टिकैत) की रैलियों में ये नारे लगते थे। हमें हिंदू मुसलमान के बीच बंटना नहीं है।
उनके बड़े भाई नरेश टिकैत ने बीजेपी पर 2013 में धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि पश्चिमी यूपी में हिंदू मुसलमान दंगे बीजेपी ने कराए थे पर हम अब एक हैं। पूरे देश में प्रचार करेंगे। ये मुज़फ़्फ़रनगर मोहब्बत का शहर है। सब हिंदू मुसलमान एक हैं और हम अब नहीं बंटेंगे। उन्होंने कहा कि यहां मुज़फ़्फ़रनगर में एक इशारा काफ़ी है, जिसको चाहें जिता दें, जिसको चाहें हरा दें।