रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी
ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका) के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की मंगलवार को एक वर्चुअल बैठक आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजीत डोभाल ने की। इस संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर जानकारी दी है।
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरे साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दे पर हुई चर्चा।
अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार उच्च प्रतिनिधियों की बैठकें ब्रिक्स देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों पर विचारों के आदान प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरी है। मंत्रालय ने बताया कि बैठक में मुख्य तौर पर अफगानिस्तान, ईरान, पश्चिम एशिया और खाड़ी में वर्तमान हालात और साइबर सुरक्षा जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों के संदर्भ में चर्चा की गई।
प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा काउंटर टेररिज्म को लेकर सुझाए गए एक्शन प्लान को अपनाने की सिफारिश की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक में भारत ने सीमा पार आतंकवाद और लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों की गतिविधियों का मुद्दा उठाया, जिन्हें देश विशेष का समर्थन प्राप्त है और जो शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा हैं। बैठक में प्रतिनिधियों ने 2020 में आयोजित हुए 12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा काउंटर टेररिज्म को लेकर सुझाए गए एक्शन प्लान को अपनाने की सिफारिश की।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि बैठक में अवैध नशीली दवाओं के उत्पादन और तस्करी को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि ब्रिक्स देशों की संबंधित एजेंसियां इस क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाएंगी। इसके अलावा बैठक में कोविड-19 महामारी से उभरने वाली नई चुनौतियों को देखते हुए ब्रिक्स के भीतर स्वास्थ्य सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा सहयोग को प्राथमिकता पर रखने की बात हुई। भारत ने इससे पहले अगस्त 2021 में डिजिटल फोरेंसिक पर ब्रिक्स कार्यशाला की मेजबानी की थी।
बता दें कि भारत इस वर्ष 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ से निपटने में ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच गहरे सहयोग के लिए दृढ़ता से जोर देता रहा है। बैठक में रूस के एनएसए जनरल पेत्रुशेव, चीन पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेइची, ब्राजील के सुरक्षा अधिकारी जनरल ऑगस्टो हेलेना रिबेरो परेरा और दक्षिण अफ्रीका के उप राज्य सुरक्षा मंत्री नसेडिसो गुडएनफ कोडवा ने भाग लिया।