शाश्वत तिवारी
केन्द्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जानकारी दी है कि योगाभ्यास करने से कोविड—19 संक्रमित मरीजों में चिंता, अवसाद, नींद में कमी और हृदयगति में परिवर्तन आदि परेशानियों को काबू करने में बहुत मदद मिलती है। उन्होंने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सेंट्रल काउंसिल ऑफ रिसर्च इन योग एंड नेचुरोपैथी (CCRYN) द्वारा दिल्ली के राजीव गांधी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में कोविड रोगियों में पारंपरिक उपचार के साथ-साथ सहायक उपाय के रूप में योग के प्रभाव का आकलन करने के लिए किए गए एक नैदानिक अध्ययन (क्लीनिकल स्टडी) का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। (@राज्यसभा प्रश्नोत्तर)
दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोविड—19 संक्रमित रोगियों पर हुआ अध्ययन।
राज्यसभा में o3 अगस्त 2021 को एक सवाल पूछा गया था कि क्या यह सच है कि योग से कोविड-19 जैसी बीमारियों का पूरी तरह से इलाज संभव है और इस संबंध में क्या अध्ययन किए गए हैं? इसके जवाब में आयुष मंत्री सोनोवाल ने बताया कि योग सहायक (Helpful) , निवारक (Preventive) और संवर्धनात्मक (Promoting) स्वास्थ्य परिचर्या उपाय (Health Care) के रूप में कार्य करता है। कोविड से संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और फेफड़ों की क्रिया में सुधार के लिए योगाभ्यास किए जाते हैं।
गौरतलब है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी (NIN) ने नायडू अस्पताल, पुणे के सहयोग से पोस्ट कोविड ओपीडी आरंभ की है, जहां योग का चिकित्सीय माध्यम के रूप में प्रयोग किया गया और लोगों को संक्रमण के बाद अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न योगाभ्यास सिखाए गए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी (NIN) ने संक्रमण के बाद दुष्प्रभावों से उभरने के लिए लोगों की सहायता के लिए दो स्थानों पर पोस्ट कोविड पुनर्वास केंद्र भी स्थापित किए हैं।
इसी प्रकार सेंट्रल काउंसिल ऑफ रिसर्च इन योग एंड नेचुरोपैथी (CCRYN) द्वारा घर पर आइसोलेशन में रहने वाले रोगियों के लिए ऑनलाइन योग सत्र चलाया गया, ओपीडी रोगियों के लिए ऑनलाइन योग कक्षाएं चलाई गईं और हल्के से मध्यम कोविड रोगियों के लिए एम्स, झज्जर, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC), दिल्ली में पोस्ट कोविड क्लीनिक शुरू किए गए हैं। इन पोस्ट कोविड क्लीनिक में लोगों को योग से होने वाले फायदों के बारे में बताया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि योग कोविड-19 की प्राथमिक रोकथाम में लाभकारी है, यह श्वसन और हृदय की क्षमता में सुधार लाता है, चिंता और तनाव को कम करता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके साथ ही पोस्ट कोविड की समस्या में योगाभ्यास करने से फेफड़ों की कार्य क्षमता में संशोधन होता है और म्यूकोसिलरी क्लियरेंस (श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने की प्रक्रिया) में सुधार होता है। इस तरह की अनेक समस्याओं से लड़ने के लिए योग शरीर को भीतर से मजबूती देता है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के मद्देनजर योग इस महामारी से लड़ने का प्रभावशाली माध्यम साबित हो सकता है।
सनद रहे कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से पीड़ित है, इसका मुकाबला करने के लिए देश में भी बड़ी ही रफ्तार के साथ वैक्सीनेशन कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। इस बीच हाल ही में किए गए उपरोक्त अध्ययन में कोविड-19 से पीड़ित व्यक्ति के फेफड़ों के संक्रमण को ठीक करने में योगाभ्यास के लाभाकरी होने की जानकारी से इस पांरपरिक भारतीय पद्धति को लेकर नए सिरे से चर्चा आरंभ हो गई है।