खैराबाद मजारों का क़स्बा भी कहलाता है। दूर दूर से लोग यहाँ ज़ियारत करने आते है। कसबे में एक इमामबाड़ा भी है जिसकी अपनी एक ऐतिहासिक आभा है। मगर आज अपने निर्माण के सैकड़ों साल बाद उचित देखरेख के अभाव में मक्का दर्जी के नाम से मशहूर यह इमामबाड़ा अपनी उपेक्षा पर आंसू बहा रहा है। इमामबाड़ा देखरेख के अभाव में खंडहर में बदलता जा रहा है।
मक्का दर्जी इमामबाड़े का इतिहास
यूपी के सीतापुर में ऐतिहासिक नगरी खैराबाद हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल है यहां की मुगल कालीन सभ्यता की धरोहर मकबरे, मंदिर, मस्जिद इमामबाड़े जो खुदाई ताकतों का बसेरा है।
इसी नगरी में एक ऐतिहासिक मक्का दर्जी इमामबाड़ा जो खैराबाद के मोहल्ला तुर्कपट्टी में स्थित है। यह इमामबाडा लखनऊ के इमामबाड़े की तर्ज पर बनाया गया है। ऐतिहासिक व खूबसूरत आकृतियों नक्काशियों से सजा, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। जो नगरवासियों और दूर दूर से आए लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
वर्तमान में यह ऐतिहासिक व प्राचीन इमारत नष्ट होने के कगार पर है जानकारों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे और इस इमामबाड़े की देखरेख नही की गई तो आने वाले कुछ सालों में इस इमामबाड़े का इतिहास पूरी तरह से मिट जाएगा |
जिसका कारण यह है कि नगर के इस ऐतिहासिक इमारत को किसी भी विभाग द्वारा देखरेख नहीं की जा रही है। जिस कारण कुछ दबंग इमारत पर अपना बसेरा बनाए हुए हैं और इस खूबसूरत इमारत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इस इमारत को न ही पालिका स्तर पर और ना ही जिला स्तर से कोई देखभाल हो रही है जिस कारण यह इमारत टूटती जा रही है। अपनी बेजोड़ नक्काशी और खूबसूरती के लिये विख्यात खैराबाद के जिस ऐतिहासिक इमामबाड़े का मुकाबला लोग लखनऊ के इमामबाड़े से करते थे वह इन दिनों गर्दिश में है।
इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण सन् 1838 हुआ था।यह इमामबाड़ा मुगलकालीन कला का अछूता नमूना है जिस पर आज प्रसाशनिक उपेक्षा के चलते बदरंग होता जा रहा है। इसी प्रकार यही मुगलकाल में अपनी खूबसूरती के लिये दूर दूर तक मशहूर भूलभुलैया भी आज प्रशासनिक भुलावे का शिकार हो गई है।
ज्ञात हो कि नवाब नसरुद्दीन हैदर ने दिल्ली से आये हुनरमंद कारीगरों से इस इमारत का निर्माण कराया था लेकिन यह इमारत लोगो की आँखो के सामने गर्दिश में चली गई। नगर इस बेहतरीन इमारत को किसी भी विभाग के द्वारा इसकी देखरेख नहीं की जा रही है जिसके कारण यह इमारत काफी जर्जर हो गई है और विलुप्त होने की कगार पर है।
यूपी के सीतापुर में ऐतिहासिक मक्का दर्जी इमामबाड़ा खूबसूरत इमारतों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है नवाब नसरुद्दीन हैदर केे ज़रिये तामीर कराए गए मक्का दर्जी इमामबाड़े को इस वक़्त आप सबकी मदद की सख्त ज़रूरत है |
ज्ञात हो की खैराबाद का ये खूबसरत इमामबाड़ा जो आज अपनी बदहाली पर गिरया कुना है इसके ज़िम्मेदार हम खुद है हमने इन इतिहासिक धरोहरों की गिरती दीवारों और और मसाला छोड़ती लकोरिया की कभी परवाह ही नहीं की |
प्रशासन की लापरवाही से धीरे-धीरे मक्का दर्जी का ये खूबसूरत इमामबाड़ा टूटता और गिरता चला जा रहा है मानो इस इमारत में जैसे ग्रहण लग गया हो और यह बदहाली का शिकार होकर ज़मीदोज़ न हो जाए इस लिए हम सबकी ज़िम्मेदारी है इसकी हिफाज़त और सुरक्षा के लिए आगे आए |
यूपी के सीतापुर में मौजूद मक्का दर्जी इमामबाड़ा की मरम्म्त करवाए इमामबाड़े के आस पास कूड़े के ढेर और जमा होते पानी प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से सही करवाए | इमारत में सौंदर्यीकरण और नव निर्माण कराने के साथ – साथ मजलिस व महफिलें कराई जाए |