Positive India: कोरोना वायरस को लेकर इस वक्त देश संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में एक ओर जहां जरुरतमंद लोग सरकारी इमदाद की आस में बैठे हैं, वहीं सालमाबाद गांव में दर्जी का काम करने वाले दिव्यांग जगदीश मास्क सिलकर मुफ्त में बांट रहे हैं। मास्क की बढ़ती डिमांड के कारण जगदीश ने फिलहाल कपड़ों की सिलाई का काम रोक दिया है, वह अब घर में अपनी सिलाई मशीन पर मास्क बनाने में जुटे हुए हैं।
जज्बे और हिम्मत को सलाम : जगदीश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उसके जज्बे और हिम्मत को देखकर उसके इस काम में एक सामाजिक संस्था ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। शहर से महज दो किलोमीटर दूर है सालमाबाद गांव। इसी गांव का अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाला जगदीश पेशे से दर्जी हैं। उसकी आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। वह घर में ही सिलाई मशीन चलाकर अपने परिवार की गुजर-बसर करते हैं।
150 से अधिक मास्क सिलकर बांट चुके : ग्राम प्रधान पवन कुमार ने जगदीश की मदद के लिए सामाजिक संस्था ‘सारथी हम’ से संपर्क किया। संस्था ने उसकी मेहनत और जज्बे को देखते हुए जगदीश को मास्क बनाने का सामान उपलब्ध कराया है। जगदीश ने इन दिनों रोजाना के कपड़े सिलने का काम रोक दिया है और रात-दिन मास्क सिलने का काम शुरू कर दिया है। जगदीश बताते हैं कि अब तक 150 से अधिक मास्क सिलकर लोगों को बांट चुके हैं।
जगदीश खुद दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद लोगों की मदद को आगे आए हैं। जगदीश ने बताया कि सरकार से उन्हें ज्यादा मदद की उम्मीद नहीं है। वह कई बार दिव्यांग पेंशन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। ‘सारथी हम’ संस्था के अध्यक्ष डा. द्विपेंद्र सिंह ने बताया कि जगदीश का कार्य काबिले तारीफ है। इस तरह समाज के अन्य लोगों को भी जनहित में आगे आना चाहिए।
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