देश दुनिया में भयावहता का पर्याय बने कोरोना वायरस के जांच की जटिलता को नारी शक्ति ने काशी में हल कर दिया है। अब घण्टों जांच का काम एक घण्टे में हो जाएगा और रिस्क भी इसमें काफी कम है।
दुनिया भर में कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए बीएचयू की महिला प्रोफेसर की टीम ने महीने भर में COVID-19 की सटीक जांच करने की तकनीक खोज लिया है और इसे पेटेंट कराने की प्रकिया भी फ़ाइल कर दी है। डॉ. गीता राय, एसोसिएट प्रोफेसर और उनकी टीम सुश्री डोली दास, खुशबू प्रिया और हीरल ठक्कर, डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा COVID-19 के लिए 100% सटीक एक नई तरह का RT PCR आधारित नैदानिक परीक्षण तकनीक तैयार किया गया है। डॉ. गीता राय का दावा है कि इस तकनीक से घंटे भर में जांच मिल जाएगी।
संक्षेप में यह विधा एक ऐसे अनोखे प्रोटीन सिक्वेंस को टारगेट करती है जो सिर्फ COVID-19 में मौजूद है तथा किसी और वायरल स्ट्रेन में मौजूद नहीं।
इस टेक्नोलॉजी की नवीनता के आधार पर एक पेटेंट भी फाइल किया गया है। भारतीय पेटेंट कार्यालय द्वारा किए गए पूर्व निरीक्षण में यह पाया गया कि देश में इस सिद्धांत पर RT-PCR आधारित कोई किट नहीं है जो कि इस तरह के प्रोटीन सिक्वेंस को टारगेट कर रहा हो।
देश में COVID-19 के संक्रमण की बढ़ती स्थिति एवं सटीक /विशिष्ट /तीव्र एवं सस्ते नैदानिक कीटों की कमी को यह नैदानिक परीक्षण इन सभी मापदंडों को पूरा कर सकता है।
अनुदेशकों ने इस मामले में आगे मार्गदर्शन और समर्थन के लिए CDSCO और ICMR से संपर्क किया है ताकि इससे जनता तक ले जाया जा सके। इस तकनीक को वैलिडेट और पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए सम्बंधित इंडस्ट्री की सहभागिता और सहयोग की आवश्यकता है। जल्द इस विषय पर कोई फैसला सरकार की ओर से लिया गया तो कोरोना वायरस की तेजी से जांच कर लोगों का इलाज समय से कर लोगों की जान बचाई जा सकेगी।
इस तकनीक से छोटे लैब में भी हो सकती है जांच
डॉ गीता राय ने बताया कि अभी तक जो भी किट बनाई गई है वो इस सिद्धांत पर आधारित नहीं था। इस तकनीक के माध्यम से हम 2 से 3 लाख तक की मशीनों पर जांच कर सकते हैं जो कि शहर कर छोटे छोटे लैब में भी हो सकता है। जबकि एक मशीन महंगी आती है जो 15 से 20 लाख की होती है जो हर जगह आसानी से नही मिल पाती। ऐसी स्थिति में यह तकनीक काफी सरल और सस्ती साबित होगी। डॉ गीता राय ने बताया कि इस तकनीक से सिर्फ यूनिक वायरस को सर्च किया जाएगा इसलिए यह 100 प्रतिशत सही होगा।
किट के लिए इंडस्ट्री पार्टनर की जरूरत
डॉ गीता राय ने बताया कि हमने इस तकनीक से सरल और कम समय मे सकीक जांच करने का तरीका खोज लिया है।अब सबसे बड़ी जरूरत है किसी इंडस्ट्री की जो जल्द से जल्द किट बना सके ताकि वो मार्केट में उपलब्ध रहे।इसके लिए सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया को मेल भी कर दिया गया है जिसका जवाब मेल से आ चुका है।
source: jagran.com