दिनांक 4 मई 2020 को सूफी इस्लामिक बोर्ड की कार्यकारिणी समिति की एक आवश्यक बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा की गई जिसमें कोरोना बीमारी के संक्रमण के चलते लाकडाउन के काल में शराब की दुकानों के खोले जाने से होनी वाली शारीरिक दूरी के मानकों के उल्लंघन के कारण इस महामारी के और अधिक प्रबल होने की आशंका व्यक्त की गई। और साथ ही लाकडाउन की उपयोगिता के क्षय होने पर भी चर्चा की गई और इस चर्चा के उपरांत सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि जब लाकडाउन को किनारे रखकर मधुशालायें खोली जा रही हैं तो मस्जिदों को नमाज़ो के लिए क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में अलविदा का जुमा और ईद की नमाज़ होनी है इसके लिए तथा मंदिरों को पूजा अर्चना के लिए खोला जाए और यदि ऐसा नहीं हो सकता तो तत्काल प्रभाव से शराबबंदी लागू करते हुए मधुशालायें बन्द कराई जाएं।पारित प्रस्ताव को पत्र की शक्ल में महासचिव श्री शाह सय्यद हसनैन बक़ाई जी के द्वारा माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को प्रेषित कर दिया गया है। बैठक में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष मंसूर खान जी महासचिव हसनैन बक़ाई जी प्रवक्ता सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी,कारीकरिणी सदस्य इंतिखाब आलम जाफ़री,सय्यद मंसूर,और सूफी जलील मोहम्मद उपस्थित रहे