जेडीयू से निकाले गए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक नए विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। पटना के पाटलिपुत्र थाने में उनके खिलाफ जालसाजी का एक मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रशांत के अलावा एक अन्य युवक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। इन पर कंटेट चोरी करने का आरोप लगा है।
जेडीयू से निकाले गए उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की अब मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। हाल ही में प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की’ अभियान शुरू किया था। अब इसी मामले में उनके खिलाफ पटना के पाटलीपुत्र थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। प्रशांत किशोर पर आरोप है कि ‘बात बिहार की’ के लिए उन्होंने कंटेट की नकल की है। प्रशांत किशोर के खिलाफ मोतिहारी के रहने वाले शाश्वत गौतम ने खिलाफ केस दर्ज कराया है।
शाश्वत गौतम का आरोप है कि ‘बात बिहार की’ उसका प्रोजेक्ट था, लेकिन उसके एक पूर्व सहयोगी ओसामा ने ये आइडिया और कंटेट प्रशांत किशोर को दे दिया और उन्होंने उसी नाम से अपना कैंपेन बना दिया। गौतम ने ओसामा के खिलाफ केस दर्ज कराया है। ओसामा पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ सचिव का चुनाव लड़ चुका है।
एफआईआर दर्ज कराने वाले शाश्वत गौतम का कहना है कि यह सभी कंटेंट उन्होंने जनवरी महीने में अपनी वेबसाइट पर डाल दिए थे और प्रशांत किशोर ने अपनी वेबसाइट को फरवरी में लॉन्च किया। गौतम का दावा है कि बिहार की बात का पूरा कॉन्सेप्ट उनका प्लान किया हुआ था। पटना के पाटलिपुत्र थाने में दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 406. 420 के तहत केस दर्ज किया गया है।
बता दें कि सीएए के लगातार विरोध और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निजी हमलों की वजह से प्रशांत किशोर को जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। वे फिलहाल औपचारिक तौर पर किसी पार्टी में नहीं हैं। उन्होंने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए भी काम किया और फिलहाल, पश्चिम बंगाल में टीएमसी को चुनावी सलाह दे रहे हैं।
कौन हैं केस दर्ज कराने वाले शाश्वत गौतम
शाश्वत गौतम बिहार के पूर्वी चंपारण के चैता गांव के रहने वाले हैं। वे पेशे से इंजीनियर हैं। काफी दिनों तक वे अमेरिका में रहे। वर्ष 2011 में अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी स्थित जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने शाश्वत गौतम का चयन ग्लोबल लीडर्स फेलो के रूप में हुआ। उन्होंने वहां एमबीए की पढ़ाई की। जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में 2012 में छात्र संघ का चुनाव जीता।