केरल सरकार ने परप्पनंगडी में बर्ड फ्लू का पता चलने के बाद मुर्गियों को मारने का आदेश दिया है। रोग निरीक्षण अधिकारी ने बताया कि फ्लू के केंद्र के एक किमी के दायरे में सभी मुर्गा-मुर्गियों को मारने के लिए 10 विशेष दस्तों को तैनात किया गया है। कोराना के बीच केरल में बर्ड फ्लू की आहट ने प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। केरल में 19 लोगों के कोरोना वायरस के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है।
मलप्पुरम जिले के पलथींगल में बर्ड फ्लू फैलने के बाद आसपास एक किलोमीटर तक के क्षेत्र में विशेष रूप से प्रशिक्षित दल ने मुर्गियों को मारने और संक्रमण मुक्त करने का काम शुरू कर दिया है। खबरों के मुताबिक, मलप्पुरम रानी ओम्मेन के पशुपालन अधिकारी (एएचओ) का कहना है कि दल के सदस्यों को परपंगड़ी निकाय कार्यालय में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि जिला कलेक्टर के आदेश से प्रभावित क्षेत्र के आसपास 10 किलोमीटर तक अंडे, चिकन और पालतू जानवर बेचने पर प्रतिबंध है।
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस की पुष्टि सबसे पहले केरल में हुई थी, ये तीनों चीन से लौटे थे। ये तीनों ही इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। हालांकि, इस बीच कुछ और लोग भी केरल में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। केरल में अब तक कुल 17 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। वैसे बता दें कि यहां कोरोना वायरस से संक्रमित किसी शख्स की मौत नहीं हुई है। भारत में अभी तक कोरोना वायरस के 83 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और दो लोगों की मौत हुई है।
गौरतलब है कि बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है। यह वायरस पक्षियों और इंसानों को अपनी गिरफ्त में लेता है। बर्ड फ्लू संक्रमण चिकन, टर्की, गीस, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता है। इसलिए बर्ड फ्लू के दौरान इन पक्षियों को न खाने की सलाह डॉक्टर्स द्वारा दी जाती है। बता दें कि यह इन्फ्लूएंजा वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे इंसान व पक्षियों की बेहद कम समय में मौत हो जाती है। वैसे, अभी तक बर्ड फ्लू का मुख्य कारण पक्षियों को ही माना जाता है, लेकिन कई बार यह इंसान से इंसान में फैलता है। बर्ड फ्लू के लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं, लेकिन सांस लेने में समस्या और हर वक्त उल्टी होने का एहसास इसके खास लक्षण हैं।