प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जनऔषधि दिवस (Janaushadhi Diwas) के मौके पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न जनऔषधि केंद्रों (Janaushadhi Kendras) से बात की। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी पूरे मनोयोग से प्रधानमंत्री मोदी को सुना। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जन औषधि केंद्रों की उपलब्धियां गिनाई और सबसे पहले असम के गुवाहाटी में मौजूद केंद्र के कार्यकर्ताओं से चर्चा की।
कोरोना वायरस पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर फैले दहशत के लिए कहा, ‘कोरोना वायरस को लेकर मैं सभी देशवासियों से प्रार्थना करता हूं कि किसी भी तरह की अफवाह से बचें। कोई भी परेशानी होने पर तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें। पूरी दुनिया आजकल नमस्ते की आदत डाल रही है। हमें भी आजकल हाथ मिलाने के बजाए, नमस्ते करना चाहिए।’
6,500 की दवा मात्र 850 रुपये में
उन्होंने कहा, ‘बाजार में कैसर की दवा 6,500 रुपये की कीमत पर उपलब्ध है लेकिन जनऔषधि केंद्र में महज 850 रुपये की कीमत पर ये दवाएं मिल रही हैं। इस तरह से हेल्थकेयर की कीमत में कमी आई है। करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को इससे लाभ मिला है।’
जेनरिक दवाएं ही लिखें डॉक्टर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘जेनरिक दवाओं को लेकर अफवाहें फैलाएं जाती हैं। आज 1,000 से ज्यादा जरूरी दवाओं की कीमत नियंत्रित होने से करीब साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये जनता के बचे हैं। करीब 90 लाख गरीब लोगों को आयुष्मान योजना के तहत लाभ मिला है। पुराने अनुभवों के आधार पर कुछ लोगों को ये भी लगता है कि आखिर इतनी सस्ती दवा कैसे हो सकती है, कहीं इसमें कोई खोट तो नहीं है। कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर डॉक्टर जेनरिक दवाएं ही लिखें, ये सुनिश्चित करना जरूरी है। मेरा आप सभी लाभार्थियों से भी निवेदन रहेगा कि अपने अनुभवों को अधिक से अधिक साझा करें। इससे जन औषधि का लाभ ज्यादा मरीज़ों तक पहुंच सकेगा।’
चार सूत्रों पर करते हैं काम
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ यह दिवस सिर्फ योजना के सफल होने का दिवस नहीं है बल्कि उन लाखों परिवारों से जुड़ने का प्रसंग है जिन्हें इस योजना से लाभ मिला है और उनके माध्यम से इस योजना का प्रसार होन का भी दिवस है। इसके लिए हम चार सूत्रों पर काम कर रहे हैं-
1 बीमार होने से बचाने के लिए क्या किया जाए
2 बीमार हो गया तो सस्ता और अच्छा इलाज हर नागरिक को कैसे मिल
3 इलाज के लिए बेहतर और आधुनिक अस्पताल हो पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर हो
4 मिशन मोड पर काम करके चुनौतियों को समझना और उनका समाधान करना।’
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनऔषधि परियोजना यानि PMBJP, इसी चार सूत्रीय कार्यशैली की एक अहम कड़ी है। ये देश के हर व्यक्ति तक सस्ता और उत्तम इलाज पहुंचाने का संकल्प है।
जन औषधि केंद्रों के कारण दो-ढाई हजार की बचत
उन्होंने कहा, ‘ मुझे बहुत संतोष है कि अब तक 6 हज़ार से अधिक जन औषधि केंद्र पूरे देश में खुल चुके हैं। जनऔषधि परियोजना से पहले की तुलना में इलाज पर खर्च बहुत कम हो रहा है। अभी तक पूरे देश में करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के साथियों को 2000-2500 करोड़ रुपए की बचत जन औषधि केंद्रों के कारण हुई है। जैसे-जैसे यह नेटवर्क बढ़ रहा है, वैसे ही इसका लाभ भी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है। आज हर महीने 1 करोड़ से अधिक परिवार इन जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से बहुत सस्ती दवाइयां ले रहे हैं।’
बताया प्रशंसनीय पहल
संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आप सभी को दूसरे जनऔषधि दिवस की बहुत-बहुत बधाई। आज सप्ताह भर से मनाए जा रहे जनऔषधि सप्ताह का आखिरी दिन है। इस प्रशंसनीय पहल के लिए भी आप सबका बहुत-बहुत अभिनंदन।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इन केंद्रों को चलाने वाले साथियों को दिल से बधाई देता हूं। इन साथियों के लिए सरकार ने पुरस्कार की भी योजना बनाई है।’ उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले असम में हमें गुवाहाटी जाना है। वहां उन्होंने केंद्र में मौजूद लोगों से बात की।
700 जिले में 6200 जनऔषधि केंद्र
भारत के 728 जिलों में से 700 जिले में जनऔषधि केंद्र शुरू किए गए हैं। फिलहाल, यहां 6200 जनऔषधि केंद्र हैं जहां से विभिन्न बीमारियों के लिए दवाएं व सर्जिकल औजार उपलब्ध कराए जाते हैं। 1 मार्च से 7 मार्च के बीच जनऔषधि सप्ताह मनाया जा रहा है।
7 मार्च जनऔषधि दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जनऔषधि केंद्र के लाभार्थियों को संबोधित कर रहे हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जनऔषधि दिवस (Janaushadhi Diwas) के मौके पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न जनऔषधि केंद्रों (Janaushadhi Kendras) से बात की। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी पूरे मनोयोग से प्रधानमंत्री मोदी को सुना। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जन औषधि केंद्रों की उपलब्धियां गिनाई और सबसे पहले असम के गुवाहाटी में मौजूद केंद्र के कार्यकर्ताओं से चर्चा की।
कोरोना वायरस पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर फैले दहशत के लिए कहा, ‘कोरोना वायरस को लेकर मैं सभी देशवासियों से प्रार्थना करता हूं कि किसी भी तरह की अफवाह से बचें। कोई भी परेशानी होने पर तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें। पूरी दुनिया आजकल नमस्ते की आदत डाल रही है। हमें भी आजकल हाथ मिलाने के बजाए, नमस्ते करना चाहिए।’
6,500 की दवा मात्र 850 रुपये में
उन्होंने कहा, ‘बाजार में कैसर की दवा 6,500 रुपये की कीमत पर उपलब्ध है लेकिन जनऔषधि केंद्र में महज 850 रुपये की कीमत पर ये दवाएं मिल रही हैं। इस तरह से हेल्थकेयर की कीमत में कमी आई है। करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को इससे लाभ मिला है।’
जेनरिक दवाएं ही लिखें डॉक्टर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘जेनरिक दवाओं को लेकर अफवाहें फैलाएं जाती हैं। आज 1,000 से ज्यादा जरूरी दवाओं की कीमत नियंत्रित होने से करीब साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये जनता के बचे हैं। करीब 90 लाख गरीब लोगों को आयुष्मान योजना के तहत लाभ मिला है। पुराने अनुभवों के आधार पर कुछ लोगों को ये भी लगता है कि आखिर इतनी सस्ती दवा कैसे हो सकती है, कहीं इसमें कोई खोट तो नहीं है। कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर डॉक्टर जेनरिक दवाएं ही लिखें, ये सुनिश्चित करना जरूरी है। मेरा आप सभी लाभार्थियों से भी निवेदन रहेगा कि अपने अनुभवों को अधिक से अधिक साझा करें। इससे जन औषधि का लाभ ज्यादा मरीज़ों तक पहुंच सकेगा।’
चार सूत्रों पर करते हैं काम
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ यह दिवस सिर्फ योजना के सफल होने का दिवस नहीं है बल्कि उन लाखों परिवारों से जुड़ने का प्रसंग है जिन्हें इस योजना से लाभ मिला है और उनके माध्यम से इस योजना का प्रसार होन का भी दिवस है। इसके लिए हम चार सूत्रों पर काम कर रहे हैं-
1 बीमार होने से बचाने के लिए क्या किया जाए
2 बीमार हो गया तो सस्ता और अच्छा इलाज हर नागरिक को कैसे मिले
3 इलाज के लिए बेहतर और आधुनिक अस्पताल हो पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर हो
4 मिशन मोड पर काम करके चुनौतियों को समझना और उनका समाधान करना।’
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनऔषधि परियोजना यानि PMBJP, इसी चार सूत्रीय कार्यशैली की एक अहम कड़ी है। ये देश के हर व्यक्ति तक सस्ता और उत्तम इलाज पहुंचाने का संकल्प है।
जन औषधि केंद्रों के कारण दो-ढाई हजार की बचत
उन्होंने कहा, ‘ मुझे बहुत संतोष है कि अब तक 6 हज़ार से अधिक जन औषधि केंद्र पूरे देश में खुल चुके हैं। जनऔषधि परियोजना से पहले की तुलना में इलाज पर खर्च बहुत कम हो रहा है। अभी तक पूरे देश में करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के साथियों को 2000-2500 करोड़ रुपए की बचत जन औषधि केंद्रों के कारण हुई है। जैसे-जैसे यह नेटवर्क बढ़ रहा है, वैसे ही इसका लाभ भी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है। आज हर महीने 1 करोड़ से अधिक परिवार इन जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से बहुत सस्ती दवाइयां ले रहे हैं।’
बताया प्रशंसनीय पहल
संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आप सभी को दूसरे जनऔषधि दिवस की बहुत-बहुत बधाई। आज सप्ताह भर से मनाए जा रहे जनऔषधि सप्ताह का आखिरी दिन है। इस प्रशंसनीय पहल के लिए भी आप सबका बहुत-बहुत अभिनंदन।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इन केंद्रों को चलाने वाले साथियों को दिल से बधाई देता हूं। इन साथियों के लिए सरकार ने पुरस्कार की भी योजना बनाई है।’ उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले असम में हमें गुवाहाटी जाना है। वहां उन्होंने केंद्र में मौजूद लोगों से बात की।
700 जिले में 6200 जनऔषधि केंद्र
भारत के 728 जिलों में से 700 जिले में जनऔषधि केंद्र शुरू किए गए हैं। फिलहाल, यहां 6200 जनऔषधि केंद्र हैं जहां से विभिन्न बीमारियों के लिए दवाएं व सर्जिकल औजार उपलब्ध कराए जाते हैं। 1 मार्च से 7 मार्च के बीच जनऔषधि सप्ताह मनाया जा रहा है।
इस मौके पर दिल्ली के तमाम 134 जनऔषधि केंद्रों पर टीवी स्क्रीन की व्यवस्था सरकार की ओर से कराई गई है। यहां से लोग प्रधानमंत्री के संबोधन को सुन सकेंगे और इस आयोजन में हिस्सा ले सकेंगे।
जेनरिक दवाएं और जनऔषधि दिवस
जनऔषधि दिवस के मौके पर इस योजना व केंद्रों पर मिलने वाले जेनरिक दवाओं के उपयोग के बारे में अवगत कराया जाता है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री मोदी आज चयनित दुकानों पर स्टोर मालिकों और लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे। जेनरिक दवाएं यानि बिना किसी ब्रांड की दवाएं लेकिन पूरी तरह सुरक्षित और ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती दवाएं।
source: Jagran.com