कोरोना संकट के बीच एक भारत के मुसलमानों के लिए एक बेहद ही तकलीफ़देह ख़बर आ रही है। मज़हब-ए-इस्लाम के अहम फ़र्ज़ हज से इस बार भारतीय मुस्लिम महरूम रह जाएंगे। अब यह लगभग तय हो गया है। हज इंडिया ने ऐलान किया है कि वो जायरीनों के पैसे वापस करने जा रहे हैं। यह रक़म हज के लिए जाने वाले मुसलमान पहले ही जमा चुके होते हैं। अलविदा जुमा, ईद की नमाज़ के बाद मुसलमानों को मिलने वाला यह तीसरा गहरा आघात है।ऐसा पूरी दुनिया में कोरोना संकट के कारण हो रहा है। सऊदी अरब के मक्का और मदीना शहर के हर साल करोड़ो मुसलमान इस्लाम के महत्वपूर्ण अराकींन हज की अदायगी के लिए जुटते है। हज हर मुसलमान का ख़्वाब होता है। इस बार इस इंकार की वज़ह यह भी बताई जा रही हैं कि अलग अलग देशों के पूछे जाने के बाद भी सऊदी अरब सरकार ने कोई जवाब नही दिया है। कई देशो ने खुद ही इस बार हज पर नागरिकों के भेजें जाने से इंकार कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रज़ा ने आज बयान जारी करके स्पष्ट कर दिया है कि अब सऊदी अरब की हज यात्रा लगभग नामुमकिन सी दिखाई देती है।मोहसिन रज़ा के मुताबिक़ वो हज यात्रियों के पैसे वापस करने की प्रक्रिया वापस कर रहे हैं। ऐसा लगता है सऊदी अरब सरकार लाखों लोगों की हज के लिए व्यवस्था करने में सक्षम नही है इसलिए कोई जवाब नही दे रहे हैं।
भारतीय हज कमेटी द्वारा 2020 हज के लिए पूरा रिफंड लौटाने का ऐलान किये जाने के साथ ही हजारों मुस्लिम जायरीनों का इस साल हज करने का ख़्वाब टूट गया है। सऊदी अरब सरकार की ओर से आगामी हज यात्रा को लेकर अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। इससे पहले सऊदी अरब सरकार ने अब इसकी उम्मीद रोना संकट के बीच सऊदी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर भारतीय हज कमेटी ने इस साल की हज यात्रा को रद्द करने का फैसला लेते हुए जायरीनों की हज फीस लौटाने का ऐलान कर दिया है।
इससे पहले सऊदी सरकार ने भी दुनियाभर के मुसलमानों से इस साल हज यात्रा रद्द करने की अपील की थी।कोरोना के चलते पहले ही बहुत कम लोगो के हज के लिए जाने की संभावना थी। हज यात्रा की तैयारी के लिए तैयारी इस वक़्त उरूज़ पर थी। ईद के ढाई महीने बाद हज होता है।इसकी अवधि 40 दिन की होती है और भारत में इसके लिए ईद के एक पखवाड़े बाद उड़ान शुरू हो जाती है। देश में इस बार 10 साल के इतिहास में सबसे कम लोगो ने पहले ही आवेदन किया था। भारत से इस बार 2 लाख लोगों की हज के लिए जाने की उम्मीद थी। अब इन्हें अपनी यात्रा को हज कमेटी की वेबसाइट पर जाकर रद्द करना पड़ेगा।इसके बाद उनका पैसा रद्द हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरह महाराष्ट्र सरकार ने भी ऐलान कर दिया है। यहां से हज यात्रा के लिए लगभग 10,500 मुस्लिमों का चयन किया गया था। महाराष्ट्र राज्य हज समिति के अध्यक्ष जामिया सिद्दीकी ने मीडिया से कहा है “मार्च में भारत में लॉकडाउन लगाए जाने से पहले, सऊदी अरब सरकार ने हज 2020 की तैयारियों को अस्थायी रूप से रोकने के लिए हमें बताया था और उसके बाद इस बारे में कोई सूचना नहीं है। यह हज यात्रा नहीं होने को साफ कर देता है।”
उन्होंने बताया ऐसा कोविड-19 महामारी की वजह से हो रहा है है। मगर हमें लगता है कि जायरीनों को नुकसान नहीं उठाना चाहिए। हमने केंद्र को पत्र लिखकर मांग की है कि इस साल चुने गए लोगों को अगले साल जाने के लिए अनुमति दी जाए। अगर केंद्र रिफंड दे रहा है, तो यह पर्याप्त मुआवजे के साथ होना चाहिए।” उन्होंने यह भी सवाल किया कि सऊदी अरब सरकार की ओर से 13 मार्च को भेजी गई जानकारी के बाद ही हज 2020 पर सवाल हो गया था,मगर उसके बाद भी फीस जमा कराया जाना सही नही था।
जानकारी के अनुसार भारत से अनुमानि 2 लाख मुस्लिम हज के लिए जाने के खवाइशमंद थे। जिसमें विभिन्न राज्यों की हज समितियों के माध्यम से 125,000 से अधिक और बाकी लगभग 47,000 निजी हज टूर ऑपरेटरों के माध्यम से हज पर जाने की तैयारी में जुटे थे। राजस्थान में तो 15 मार्च तक हज के लिए पैसे जमा कराए जा रहे थे। बिजनोर आफ़ताब आलम के मुताबिक वो अपने माता पिता को हज के लिए भेजना चाहते थे मगर अब ऐसा नही कर पाएंगे।
उन्हें अब बेहद तक़लीफ़ हो रही है। सब कुछ बहुत बुरा हो रहा है।दुनिया रुक सी गई है।
Courtesy: आस मोहम्मद कैफ़।Twocircles.net