बिहार के रहने वाले ये सभी मजदूर घर जाने के लिए किसी तरह श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार होना चाहते थे। हालांकि पुलिस ने भीड़ को स्टेशन में दाखिल नहीं होने दिया। केवल पहले से रजिस्ट्रेशन वालों को ही ट्रेन पकड़ने दिया गया। बाकी लोगों को वहां से हटा दिया गया।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आज फिर हजारों प्रवासी श्रमिकों का दर्द बेकाबू हो गया और वे बड़ी संख्या में अपने घरों को लौटने के लिए बांद्रा स्टेशन के बाहर एकत्र हो गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं। बेकाबू भीड़ को पुलिस ने किसी तरह नियंत्रित किया है और उन्हें धीरे-धीरे वहां से हटाया जा रहा है। स्टेशन के बाहर भगदड़ जैसा माहौल बन गया है।
#WATCH Maharashtra: Huge crowd of migrant workers gathered outside the Bandra railway station in Mumbai earlier today to board a "Shramik special' train to Bihar. Only people who had registered themselves(about 1000) were allowed to board, rest were later dispersed by police. pic.twitter.com/XgxOQmSzEb
— ANI (@ANI) May 19, 2020
मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर बिहार के रहने वाले ये सभी मजदूर घरों को जाने के लिए किसी तरह श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार होना चाहते थे। धीरे-धीरे करके हजारों की संख्या में मजदूर स्टेशन के बाहर एकत्र हो गए और ट्रेन में सवार होने के लिए स्टेशन में घुसने की कोशिश करने लगे। हालांकि पुलिस ने भीड़ को स्टेशन में दाखिल नहीं होने दिया। केवल 1700 लोगों को ट्रेन पकड़ने दिया गया, जिनका पहले से रजिस्ट्रेशन था। बाकी लोगों को वहां से हटा दिया गया।
इससे पहले भी पिछले महीने मुंबई के बांद्रा स्टेशन के बाहर हजारों प्रवासी श्रमिक एकत्रित हो गए थे और घर भेजने की मांग करने लगे थे। उस समय कोई ट्रेन भी नहीं चल रही थी। वे सभी मजदूर एक न्यूज चैनल की खबर और सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा ट्रेन चलने की खबर फैलाए जाने के कारण स्टेशन के बाहर एकत्र हुए थे। दिन भर चली रस्साकशी के बाद किसी तरह उन मजदूरों को वहां से हटाया जा सका था।
गौरतलब है कि एक तरफ कोरोना वायरस का कहर बेकाबू होता जा रहा है तो दूसरी तरफ बिना कामधाम के फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्या बढ़ती जा रही है। कडाउन की वजह से कामकाज बंद है। प्रवासी मजदूरों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो चुका है। उनके पास पिछले 50 दिन से कोई काम नहीं है। बहुत से मजदूरों को खाना-पानी भी ठीक से नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में ये मजदूर किसी तरह अपने घर जाना चाहते हैं।
काफी दबाव के बाद केंद्र सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई भी हैं तो एक तो उसकी संख्या बहुत कम है, दूसरे उसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अशिक्षित गरीब मजदूरों के लिए नामुमकिन है। ऐसे में मुंबई में छोटे-छोटे दड़बों में फंसे मजदूरों का सब्र अब टूटने लगा है। अब तक हजारों मजदूर पैदल या साइकिल से ही घरों के लिए विदा हो चुके हैं।