जीवन अनिश्चितताओं से भरा है, कब क्या हो जाए कुछ भी कहना मुश्किल। जीवन में कुछ भी निश्चित नहीं है। अंग्रेजी में एक कहावत है, ‘Man proposes god disposes’। कई बार हम जो सोचते हैं, जैसा सोचते हैं वैसा नहीं हो पाता। नौकरी को लेकर भी लगभग यही स्थिति है। प्राइवेट कंपनियों में बहुत सारे लोग काम करते हैं और ऐसे समय में अर्थव्यवस्था में चल रही सुस्ती की वजह से नौकरी की सुरक्षा मुख्य चिंताओं में से एक है।
पिछले दिनों कई प्रमुख कंपनियों ने लागत में कटौती के लिए कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। ऐसे में दूसरी नौकरी मिलने तक आर्थिक रूप से संघर्ष करना पड़ता है। वित्तीय जिम्मेदारियों वाले लोग, जिन्हें ईएमआई, बच्चों की फीस, दैनिक खर्च, बीमा प्रीमियम इत्यादि का बोझ रहता है उनकी स्थिति और खराब हो जाती है। बदकिस्मती से अगर किसी की नौकरी चली जाए ऐसे समय में वह क्या करे। हम इस खबर में कुछ टिप्स बता रहे हैं जो आपकी मदद करेंगे।
खर्च कम कर नया बजट बनाएं: नौकरी जाने की स्थिति में नियमित जीवन शैली बिगड़ जाती है। आर्थिक रूप से संघर्ष से बचने के लिए अपने खर्चों में कमी करें और एक नया बजट बनाएं। आपकी बचत के पैसे की उपलब्धता के आधार पर अब आपको अपने पूरे घरेलू बजट को फिर से तैयार करना होगा।
EMI और इंश्योरेंस रीशेड्यूल: जब नौकरी न हो तो अपने EMI और इंश्योरेंस को रीशेड्यूल करें। अगर स्थिति बहुत बेहतर नहीं है तो अपने निवेश को अस्थायी रूप से रोक सकते हैं। हालांकि, बीमा प्रीमियम भुगतान करना होगा क्योंकि पॉलिसी लैप्स होने का जोखिम है, लेकिन आप बीमाकर्ता से यह पता लगा सकते हैं कि क्या आप भुगतान के समय में भुगतान कर सकते हैं क्या।
बैंक सेविंग पर ध्यान दें: इमरजेंसी फंड न होने की दशा में बैंक सेविंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि इससे भी काम नहीं निकल रहा हो तो ईएमआई को चुकाने के लिए म्युचुअल फंड से होने वाली आय का इस्तेमाल करें। कुछ निवेश साधन जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, पीपीएफ, बीमा, सोना या संपत्ति के बदले आप लोन ले सकते हैं।
पहले जरूरी काम करें: कर्ज ईएमआई, बीमा प्रीमियम, निवेश, यूटिलिटी खर्च। पहले इनका भुगतान करना सुनिश्चित करें।
source: Jagran.com