अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोपी गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रवक्ता डॉ कफील खान के खिलाफ यूपी पुलिस नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) लगा दिया है. इस मामले में मथुरा जेल में बंद कफील को जमानत मिल गई थी, लेकिन अभी तक उन्हें रिहा नहीं किया गया था.
जमानत के आदेश देर से पहुंचने के कारण गुरुवार को मथुरा जिला कारागार से रिहाई नहीं हो पाई थी. कफील न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध हैं.
मथुरा जिला कारागार के जेलर अरुण पाण्डेय ने बताया था, ‘चूंकि कफील खान की रिहाई का आदेश देर शाम मिला है इसलिए उनकी रिहाई गुरुवार न होकर शुक्रवार की सुबह हो पाएगी.’ लेकिन उनकी रिहाई से पहले ही यूपी पुलिस ने उन पर रासुका लगा दिया. जिससे उनकी मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई है.
बता दें, नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के मुद्दे पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण को लेकर डॉ कफील खान पर मुकदमा दर्ज किया गया था. 29 जनवरी की रात को उप्र की स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा मुम्बई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर कफील को अलीगढ़ में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था.
जहां से पहले अलीगढ़ जिला जेल भेजा गया था तथा एक घण्टे बाद ही मथुरा के जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया था. तब से वह यहीं पर निरुद्ध है.
डा. कफील के भाई आदिल अहमद खान ने सोशल मीडिया के जरिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दस फरवरी को जारी रिहाई आदेश की प्रति उपलब्ध कराते उनकी जमानत की जानकारी दी.
गौरतलब है कि गत वर्ष अगस्त माह में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. कफील खान उस समय मीडिया की सुर्खी बन गए थे जब वहां एक साथ बड़ी तादाद में बच्चों की मौत हो गई थी. जिसका कारण ऑक्सीजन की कमी बताया गया था और इस मामले में राज्य सरकार द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया गया था.
हैरत की बात यह है की डॉ कफील खान की सेवा और मरीज़ों से उनके वय्वहार की चारो तरफ धूम हैं मगर उनके रिश्तेदारों का कहना है के योगी सरकार उनसे बदले की भावना पर उतारू है .
source: AwadhNama