मोदी सरकार भले ही यह न माने की देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती दिख रही है। लेकिन इसका असर जीडीपी के साथ-साथ अब सरकारी योजनाओं पर भी दिखने लगा है। धन की कमी की वजह से सरकार अपनी कई योजनाओं की बजट में कटौती करने को मजबूर हुई है!
मोदी सरकार भले ही यह न माने की देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती बरकरार है। लेकिन इसका असर जीडीपी के साथ-साथ अब सरकारी योजनाओं पर भी दिखने लगा है। धन की कमी की वजह से सरकार अपनी कई योजनाओं की बजट में कटौती करने को मजबूर हुई है! इतना ही नहीं गरीबों के कल्याण के लिए चलने वाली स्कीमों के लिए खर्च में कमी आती दिख रही है। हालांकि बजट में कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवंटन में कमी नहीं दिखी है, लेकिन फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के विश्लेषण के मुताबिक ग्रोथ जरूर कम हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2017 में सरकार की ओर से कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च में 25.6 पर्सेंट का इजाफा हुआ था। 2018 में यह 22 फीसदी रहा, लेकिन 2019 में महज 2.3 फीसदी का ही इजाफा किया गया है।
वहीं जीडीपी ग्रोथ रेट में भी लगातार कमी आती दिख रही है। साल दर साल जीडीपी विकास दर में कमी आई है। वित्तीय वर्ष 2017 में देश की अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी के हिसाब से बढ़ रही थी, जो 2018 में 7.2 हो गया। वित्तीय वत्तीय वर्ष 2019 में इसमें और कमी आई और यह 6.8 फीसदी हो गया। सरकार ने इस दौरान कोई बड़ी योजनाओं का भी ऐलान नहीं किया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के आखिरी साल में चुनावी वर्ष में किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। इसके अलावा कोई अन्य खर्च में इजाफा नहीं किया था। 2020 में भी कमोबेश वैसी ही स्थिति है। पीएम किसान सम्मान निधि के लिए मोदी सरकार का फाइनेंशियल ईयर 2020 के लिए 54,370 करोड़ रुपये का बजट है और वित्त वर्ष 2021 में यह 75,000 करोड़ रुपये है।
मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की लॉन्चिंग के अलावा गरीबों के लिए खर्च की जाने वाली राशि में कोई बड़ा इजाफा नहीं किया है। फाइनेंशियल ईयर 2020 की बात करें तो यह 6.2 फीसदी बढ़कर 1.76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वहीं 2019 में गरीबों के लिए 1.66 लाख करोड़ रुपये की रकम खर्च हुई थी। इस तरह से 2019 के मुकाबले 2020 में कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च में सिर्फ 6.2 फीसदी का ही इजाफा हुआ।
ऐसे में अगर वित्तीय वर्ष 2021 के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना को इसमें शामिल न करें तो फिर 2.5 फीसदी की ही ग्रोथ हुई है। हालांकि इस स्कीम को भी जोड़ लिया जाए तो गरीबों पर खर्च होने वाली राशि में 2020 में 39 पर्सेंट और 2021 में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।
बता दें कि फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने अनपी रिपोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई जाने वाली कई योजनाओं को अपने आकलन में शामिल किया है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, मिड-डे मील, समन्वित बाल विकास कार्यक्रम, अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए स्कीम, आजीविका मिशन और स्वास्थ्य बीमा स्कीम शामिल हैं।
source: NavJivanIndia