गो एयर के वकील दत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनकी स्थिती सही नहीं है, वह भी पैसे रिफंड करना चाहते हैं, लेकिन ईंधन की कीमतें 78% बढ़ गई हैं, आरबीआई से उनको कोई राहत नहीं मिली है, वह अनिवार्य सेवा नहीं कर रहे है, इसलिए वह 6 महीने में भुगतान नहीं कर सकते है।
लॉकडाउन के दौरान रद्द हुई फ्लाइट टिकट के पैसे मिलंगे या नहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान फ्लाइट कंपनियों से पूछा कि, आपकी कंपनी की दिक्कत है इसके लिए यात्री क्यों भुगतान करें?
वहीं सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि, वह सिर्फ यात्रियों को लेकर चिंतित हैं। अगर किसी ट्रैवल एजेंट ने एयरलाइंस के पास एडवांस में पैसे जमा कराए हों, तो उस पर उन्हें कुछ नहीं कहना, टिकट (की ‘थोक खरीद’ नहीं की जा सकती है, यह एयरलाइंस और ट्रैवल एजेंट के बीच एक अनुबंध हैं, डीजीसीए का इससे कोई लेना देना नहीं है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपके हलफनामे में कहा गया है कि यात्री क्रेडिट वाउचर किसी और को ट्रांसफर भी कर सकता है, ऐसे में एजेंट यात्री से क्रेडिट वाउचर लेकर अपने पैसों की वसूली कर सकते हैं, यह समाधान सही लगता है।
इस दौरान जस्टिस शाह ने पूछा कि अगर ट्रैवल एजेंट्स को पैसा वापस मिलता है तो यात्री को वह कब तक वापस मिलेगा। इसके जवाब में ट्रैवल एजेंट फेडरेशन के वकील ने कहा कि सीएआर ट्रैवल एजेंटों को रेगुलेट करती है, मुझे कोई दिक्कत नहीं है अगर ट्रैवल एजेंटों के खाते में पैसा आती है तो वह ट्रांसफर किए जा सकते है।
गो एयर के वकील दत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनकी स्थिती सही नहीं है, वह भी पैसे रिफंड करना चाहते हैं, लेकिन ईंधन की कीमतें 78% बढ़ गई हैं, आरबीआई से उनको कोई राहत नहीं मिली है, वह अनिवार्य सेवा नहीं कर रहे है, इसलिए वह 6 महीने में भुगतान नहीं कर सकते है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपकी कंपनी की परेशानी कुछ भी है, यात्री क्यों सफर करें? वहीं इस मामले की सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।