केंद्र की बीजेपी सरकार ने सोमवार को एक और कथित आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। लेकिन ध्यान से देखें तो यह पैकेज सिर्फ जुमलों से भरा है और इसके जरिए सरकार ने देश को सिवाए धोखे के कुछ नहीं दिया है।
देश के सामने आज को अहम आर्थिक मुद्दें हैं, वे हैं बेहद निचले स्तर पर जीडीपी, मंहगाई की ऊंची दर और बेशुमार और ऊंचे स्तर पर बेरोजगारी। लेकिन जो राजकोषीय प्रोत्साहन सरकार ने पेश किया है उससे इनमें से किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
इस पैकेज में न तो मनरेगा के आवंटन में कोई बढ़ोत्तरी हुई, जिसके कि गांवों में लोगों को गारंटी से रोजगार मिल सकता। न ही जीएसटी दरों में कोई अल्पकालिक छूट दी गई, जिससे लोगों को उच्च मुद्रा स्फीति से कुछ राहत मिलती और न ही किसी किस्म की कोई नकद सहायता देने की बात कही गई जिससे कि लोगों के हाथ में पैसा पहुंचता। इस तरह यह राजकोषीय राहत सिवाय पीआर स्टंट के कुछ भी नहीं।