भारतीय टीम के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने देश के लिए साल 1989 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत करने वाले सचिन तेंदुलकर का साल 2011 तक सबसे बड़ा सपना पूरा हुआ नहीं था। हालांकि, आज ही के दिन साल 2011 में 2 अप्रैल को सचिन तेंदुलकर का वो सपना पूरा हुआ था जो वे पिछले दो दशकों से देखते आ रहे थे।
दरअसल, साल 1992 में सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला वर्ल्ड कप खेला था। इसके बाद से एक भी बार टीम इंडिया फाइनल तक का सफर नहीं तय कर पाई थी, लेकिन 2003 में सचिन तेंदुलकर को अपना पहला वर्ल्ड कप फाइनल खेलने का मौका मिला। इस वर्ल्ड कप में सचिन तेंदुलकर ने 600 से ज्यादा रन बनाए थे, लेकिन फाइनल में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलियाई टीम के हाथों हार गई थी और एक बार फिर से सचिन का सपना टूट गया था।
और फिर वो दिन आया जब सचिन का सपना पूरा हुआ
लगातार चार वर्ल्ड खेल चुके सचिन तेंदुलकर ने साल 2007 के वर्ल्ड कप में भी हिस्सा लिया, लेकिन वेस्टइंडीज में हुए इस वर्ल्ड कप के लीग दौर में ही टीम इंडिया बांग्लादेश से हारकर बाहर हो गई थी। ऐसे में सचिन का सबसे बड़ा सपना और लंबा खिंच गया, लेकिन वो साल और वो दिन 2011 में आया जब टीम इंडिया ने 1983 के बाद अपना दूसरा वर्ल्ड कप जीता, जिस टीम के हिस्सा सचिन तेंदुलकर भी थे।
आज ही के दिन साल 2011 में यानी 2 अप्रैल को क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का सबसे बड़ा सपना पूरा हुआ था, जब टीम इंडिया को कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने विश्व विजेता बनाया था। 2 अप्रैल की रात को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर की आंखों में आसूं थे और टीम के खिलाड़ी उनको कंधों पर उठाए घूम रहे थे, जो कि अपने आप में एक ऐतहासिक लम्हा था, क्योंकि छठा विश्व कप खेलने के बाद सचिन के हाथ में वर्ल्ड कप की ट्रॉफी थी।
source: Jagran.com